आदर्श आचरण संहिता हो चुकी है प्रभावशाली
चन्द्रिका कुशवाहा
सूरजपुर, आंचलिक न्यूज- 10 अक्टूबर 2023/ विधानसभा निर्वाचन, 2023 की घोषणा के साथ ही आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील हो चुकी है। भारत निर्वाचन आयोग के स्थायी आदेशों के द्वारा भी निर्वाचन के दौरान शांति बनाये रखने के निर्देश के संदर्भ में यह आवश्यक हो गया है कि जिले में लोक शांति बनाये रखने तथा निर्वाचन प्रक्रिया निर्विघ्न निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने हेतु अन्य उपायों के साथ-साथ प्रतिबंधात्मक उपाय भी किये जायें इसलिए जिला निर्वाचन अधिकारी श्री संजय अग्रवाल द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (1) एवं (2) के अन्तर्गत प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए, निर्वाचन के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने हेतु जिले के सम्पूर्ण क्षेत्र में प्रतिबंधात्मक निषेधाज्ञा जारी की गई है। जिसके अंतर्गत जिला सूरजपुर के अंदर कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का घातक अस्त्र-शस्त्र यथा बन्दुक, रायफल, पिस्टल, भाला, बल्लम, बरछा, तलवार, गुप्ती खूखरी लाठी एवं अन्य प्रकार के घातक हथियार तथा विस्फोटक सामग्री लेकर किसी भी सार्वजनिक स्थान आम सड़क, रास्ता, सार्वजनिक समाओं, रैली, जुलूस एवं अन्य स्थानों पर नहीं चलेगा। सूरजपुर जिले में कोई भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी सशस्त्र जुलूस नहीं निकालेगा और आपत्तिजनक नारे नहीं लगायेगा। आपत्तिजनक पोस्टर आदि प्रदर्शित वितरित नहीं करेगा। सूरजपुर जिले के अंदर कोई भी व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह या दल, बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के न तो कोई सभा करेगा, न कोई रैली या जुलूस निकाल सकेगा। साथ ही किसी भी प्रकार का धरना प्रदर्शन, चक्का जाम एवं पुतला दहन किसी भी स्थिति में वर्जित रहेगा। कोई भी राजनैतिक दल अथवा व्यक्ति द्वारा आमसभा, जुलूस, धरना आदि आयोजित करने के 24 घंटा पूर्व उसकी विधिवत लिखित सूचना सक्षम प्राधिकारी को देगा तथा अनुमति प्राप्त होने के बाद संबंधित राजनैतिक दल अथवा व्यक्ति आम सभा, जुलूस, धरना आदि का आयोजन कर सकेगा।
कोई भी राजनैतिक दल अथवा व्यक्ति जिला सूरजपुर के अंतर्गत आने वाले नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों के किसी भी धार्मिक स्थल या उसके आस पास 100 मीटर की परिधि में आमसभा का आयोजन नहीं करेगा और न ही धार्मिक स्थलों का उपयोग किसी भी तरह के राजनैतिक प्रयोजनों हेतु करेगा। किसी भी राजनैतिक दल अथवा व्यक्ति द्वारा बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से किसी प्रकार के नारे बाजी या प्रचार प्रसार एवं वक्तव्य का उद्घोष नहीं करेगा। मतदान समाप्ति के 48 घंटे पूर्व की अवधि में किसी भी प्रकार का ध्वनि विस्तारक यंत्र, नारेबाजी या प्रचार प्रसार पूर्णतरू प्रतिबंधित रहेगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वाला व्यक्ति दल, भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के अंतर्गत दंडनीय होगा। इस आदेश की कंडिका-1 उन व्यक्तियों, शासकीय अधिकारियों कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा, जिन्हें अपने कार्य सम्पादन के लिये लाठी या शस्त्र रखना आवश्यक है। यह आदेश उन शासकीय कर्मचारियों अधिकारियों पर भी लागू नहीं होगा जिन्हें चुनाव व मतदान के दौरान कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये पुलिस अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह आदेश उन व्यक्तियों पर भी लागू नहीं होगा, जिन्हें शारीरिक दुर्बलता, वृद्धावस्था या दिव्यांग होने के कारण सहारे के रूप में लाठी रखना आवश्यक होता है।
यद्यपि निषेधाज्ञा आदेश जारी करने के पूर्व जिला सूरजपुर के आम नागरिकों को सुना जाना आवश्यक है, किन्तु परिस्थितियों एवं समयाभाव के कारण पृथक से पूर्व सूचना देकर सुना जाना संभव नहीं है। अतएव दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (2) के अधीन एक पक्षीय आदेश पारित किया जाता है।
सूरजपुर/ आंचलिक न्यूज- 10 अक्टूबर 2023/ विधानसभा निर्वाचन 2023 कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों का अक्षरशः पालन हो, इसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारी श्री संजय अग्रवाल के द्वारा सभा कक्ष में बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें उपस्थित अधिकारियों को नियमावली से अवगत कराते हुए बताया गया कि निर्वाचन के दौरान राजनैतिक दलों एवं उनके अभ्यर्थियों द्वारा चुनाव प्रचार करने के लिए शासकीय, अशासकीय भवनों पर नारे लिखे जाने तथा विद्युत एवं टेलीफोन के खंभों पर चुनाव प्रचार से संबंधित झंडिया लगाये जाने के कारण शासकीय, अशासकीय सम्पत्ति का स्वरूप विकृत हो जाता है।
छत्तीसगढ़ सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा 03 में निहित प्रावधानानुसार ’’कोई भी व्यक्ति जो सम्पत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी सम्पत्ति को स्याही खड़िया, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिख कर या चिन्हित कर के उसे विरूपित करेगा, वह जुर्माने से जो एक हजार रूपया तक का दण्डनीय होगा। इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई भी अपराध संज्ञेय होगा।
निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार, सम्पत्ति विरूपण के संदर्भ में राज्य में प्रचलित विधि के प्रावधानों के अनुसार कठोर कार्यवाही किया जाना है। अतः एतद् द्वारा निर्देश दिया जाता है कि छत्तीसगढ़ सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम, 1994 के प्रावधानों का कठोरता पूर्वक अनुपालन सुनिश्चित करते हुए प्रभावी कार्यवाही की जाये। सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया के दौरान विभिन्न राजनैतिक दलों अथवा चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा शासकीय एवं अशासकीय भवनों की दीवालों पर किसी भी प्रकार के नारे लिख कर विकृत किया जाता है, तो उनके विरूद्ध छत्तीसगढ़ सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जायेगी।
ग्राम व नगर में पर्याप्त संख्या में टीम का गठन किया गया है। टीम सघन भ्रमण कर विरूपित संपत्ति को सम्पत्ति विरूपण करने वाले के व्यय पर पूर्व स्वरूप में लाएगी तथा टीम द्वारा सम्पत्ति विरूपण करने वाले तत्वों के विरूद्ध अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत एफ.आई.आर. दर्ज कर कार्यवाही की जायेगी। यदि किसी राजनैतिक दल या निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थी द्वारा किसी निजी सम्पत्ति को बिना उसके स्वामी की लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है, तो निजी सम्पत्ति के स्वामी द्वारा सम्बन्धित थाने में सूचना दर्ज कराने के बाद गठित टीम निजी सम्पत्ति को विरूपित होने से बचाने की कार्यवाही करेगा एवं सम्बन्धित थाना प्रभारी प्रदत्त सूचना रिपोर्ट पर विधिवत् जांच कर सक्षम न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किया जायेगा। इसी प्रकार किसी धार्मिक स्थल का उपयोग किसी भी में रूप में चुनाव प्रचार-प्रसार के लिये नहीं किया जायेगा।
थाना प्रभारी द्वारा सम्पत्ति विरूपण से सम्बन्धित प्राप्त शिकायतों पर तत्काल एफ.आई. आर दर्ज कर विवेचना प्रारम्भ की जायेगी सम्बन्धित टीम शिकायत या उन्हें प्राप्त सम्पत्ति विरूपण के प्रकरणों को पृथक पंजी में दर्ज करेगी एवं विरूपित संपत्ति की फोटोग्राफी व विडियोग्राफी जमा कराई जयेगी।
कोई भी राजनैतिक दल अथवा व्यक्ति जिला सूरजपुर के अंतर्गत आने वाले नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों के किसी भी धार्मिक स्थल या उसके आस पास 100 मीटर की परिधि में आमसभा का आयोजन नहीं करेगा और न ही धार्मिक स्थलों का उपयोग किसी भी तरह के राजनैतिक प्रयोजनों हेतु करेगा। किसी भी राजनैतिक दल अथवा व्यक्ति द्वारा बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से किसी प्रकार के नारे बाजी या प्रचार प्रसार एवं वक्तव्य का उद्घोष नहीं करेगा। मतदान समाप्ति के 48 घंटे पूर्व की अवधि में किसी भी प्रकार का ध्वनि विस्तारक यंत्र, नारेबाजी या प्रचार प्रसार पूर्णतरू प्रतिबंधित रहेगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वाला व्यक्ति दल, भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के अंतर्गत दंडनीय होगा। इस आदेश की कंडिका-1 उन व्यक्तियों, शासकीय अधिकारियों कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा, जिन्हें अपने कार्य सम्पादन के लिये लाठी या शस्त्र रखना आवश्यक है। यह आदेश उन शासकीय कर्मचारियों अधिकारियों पर भी लागू नहीं होगा जिन्हें चुनाव व मतदान के दौरान कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये पुलिस अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह आदेश उन व्यक्तियों पर भी लागू नहीं होगा, जिन्हें शारीरिक दुर्बलता, वृद्धावस्था या दिव्यांग होने के कारण सहारे के रूप में लाठी रखना आवश्यक होता है।
यद्यपि निषेधाज्ञा आदेश जारी करने के पूर्व जिला सूरजपुर के आम नागरिकों को सुना जाना आवश्यक है, किन्तु परिस्थितियों एवं समयाभाव के कारण पृथक से पूर्व सूचना देकर सुना जाना संभव नहीं है। अतएव दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (2) के अधीन एक पक्षीय आदेश पारित किया जाता है।
आदर्श आचरण संहिता हो चुकी है प्रभावशाली
सूरजपुर/ आंचलिक न्यूज- 10 अक्टूबर 2023/ विधानसभा निर्वाचन 2023 कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों का अक्षरशः पालन हो, इसके लिए जिला निर्वाचन अधिकारी श्री संजय अग्रवाल के द्वारा सभा कक्ष में बैठक आयोजित की गई थी। जिसमें उपस्थित अधिकारियों को नियमावली से अवगत कराते हुए बताया गया कि निर्वाचन के दौरान राजनैतिक दलों एवं उनके अभ्यर्थियों द्वारा चुनाव प्रचार करने के लिए शासकीय, अशासकीय भवनों पर नारे लिखे जाने तथा विद्युत एवं टेलीफोन के खंभों पर चुनाव प्रचार से संबंधित झंडिया लगाये जाने के कारण शासकीय, अशासकीय सम्पत्ति का स्वरूप विकृत हो जाता है।
छत्तीसगढ़ सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 की धारा 03 में निहित प्रावधानानुसार ’’कोई भी व्यक्ति जो सम्पत्ति के स्वामी की लिखित अनुज्ञा के बिना सार्वजनिक दृष्टि में आने वाली किसी सम्पत्ति को स्याही खड़िया, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिख कर या चिन्हित कर के उसे विरूपित करेगा, वह जुर्माने से जो एक हजार रूपया तक का दण्डनीय होगा। इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय कोई भी अपराध संज्ञेय होगा।
निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार, सम्पत्ति विरूपण के संदर्भ में राज्य में प्रचलित विधि के प्रावधानों के अनुसार कठोर कार्यवाही किया जाना है। अतः एतद् द्वारा निर्देश दिया जाता है कि छत्तीसगढ़ सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम, 1994 के प्रावधानों का कठोरता पूर्वक अनुपालन सुनिश्चित करते हुए प्रभावी कार्यवाही की जाये। सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया के दौरान विभिन्न राजनैतिक दलों अथवा चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों द्वारा शासकीय एवं अशासकीय भवनों की दीवालों पर किसी भी प्रकार के नारे लिख कर विकृत किया जाता है, तो उनके विरूद्ध छत्तीसगढ़ सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम 1994 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जायेगी।
ग्राम व नगर में पर्याप्त संख्या में टीम का गठन किया गया है। टीम सघन भ्रमण कर विरूपित संपत्ति को सम्पत्ति विरूपण करने वाले के व्यय पर पूर्व स्वरूप में लाएगी तथा टीम द्वारा सम्पत्ति विरूपण करने वाले तत्वों के विरूद्ध अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत एफ.आई.आर. दर्ज कर कार्यवाही की जायेगी। यदि किसी राजनैतिक दल या निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थी द्वारा किसी निजी सम्पत्ति को बिना उसके स्वामी की लिखित सहमति के विरूपित किया जाता है, तो निजी सम्पत्ति के स्वामी द्वारा सम्बन्धित थाने में सूचना दर्ज कराने के बाद गठित टीम निजी सम्पत्ति को विरूपित होने से बचाने की कार्यवाही करेगा एवं सम्बन्धित थाना प्रभारी प्रदत्त सूचना रिपोर्ट पर विधिवत् जांच कर सक्षम न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किया जायेगा। इसी प्रकार किसी धार्मिक स्थल का उपयोग किसी भी में रूप में चुनाव प्रचार-प्रसार के लिये नहीं किया जायेगा।
थाना प्रभारी द्वारा सम्पत्ति विरूपण से सम्बन्धित प्राप्त शिकायतों पर तत्काल एफ.आई. आर दर्ज कर विवेचना प्रारम्भ की जायेगी सम्बन्धित टीम शिकायत या उन्हें प्राप्त सम्पत्ति विरूपण के प्रकरणों को पृथक पंजी में दर्ज करेगी एवं विरूपित संपत्ति की फोटोग्राफी व विडियोग्राफी जमा कराई जयेगी।