भागवत दीवान,
कोरबा, ब्यूरो आंचलिक न्यूज। बालको की चोटिया कोयला खदान से वीआरएस लेने वाले कर्मचारियों को दोबारा काम पर रखने का झांसा देकर 16 लाख 40 हजार रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। ठगी के शिकार पूर्व कर्मचारियों ने पुलिस अधीक्षक कोरबा और बांगो थाना में शिकायत दर्ज कराई है।
शिकायत में बताया गया कि पूर्व में बालको कंपनी ने चोटिया खदान को बंद कर दिया था। काम करने वाले 39 कर्मचारियों ने अक्टूबर, 2020 में वीआरएस फार्म दिया था। इसके बाद कंपनी ने सभी को स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) दे दिया। इसमें चोटिया, कोरबी, जलके, बनिया और इसके आसपास स्थित अन्य गांव के भू- विस्थापित कर्मचारी थे। सेवानिवृत्ति से पहले वीआरएस मिलने से खदान से प्रभावित कर्मचारियों की आर्थिक स्थित डगमगाने लगी। इस बीच बालको कंपनी ने चोटिया कोयला खदान से दोबारा खनन शुरू किया। वीआरएस लेने वाले कर्मचारियों ने दोबारा काम की तलाश शुरू की। इस बीच उनकी मुलाकात ग्राम गुरसिया में रहने वाले रोशन बघेल से हुई। रोशन ने वीआरएस लेने वाले कर्मचारियों को बताया कि उसकी पहुंच मंत्रालय तक है। वह दोबारा काम पर रखवा देगा। इसके लिए बघेल ने रुपए की मांग की। पूर्व कर्मचारी झांसे में आ गए। अलग- अलग किस्तों में 39 कर्मचारियों ने दोबारा काम मिलने की आस में बघेल को 16 लाख 40 हजार रुपए प्रदान किया। इसमें पहला किस्त मार्च में 7 लाख 80 हजार रुपए, दूसरा किस्त अप्रेल में 7 लाख 40 हजार रुपए व तीसरा किस्त एक लाख 20 हजार रुपए अक्टूबर दिया। कई माह गुजर गए। उन्हें चोटिया में दोबारा काम नहीं मिला। पहले तो बघेल आज कल का हवाला देकर टालता रहा। बाद में काम कराने से इनकार कर दिया। प्रभावितों को रुपए लौटाने से भी मना कर दिया। इससे लोग नाराज हो गए। उन्हें ठगी का पता चला। कमलेश निवासी जलके, सुरेंद्र ग्राम जजगी, विनोद ग्राम चोटिया, प्रदीप जांजगीर चांपा पंतोरा सहित अन्य कर्मचारियों ने बघेल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। ठगी का आरोप लगाते हुए पुलिस से शिकायत की।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल स्टॉफ की लापरवाही, खुले में जलाया मेडिकल वेस्ट
कोरबा जिले के स्व. बिसाहू दास महंत स्मृति मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कर्मचारियों ने खुले में मेडिकल वेस्ट को जला दिया। इस बारे में जानकारी मिलने पर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक ने कार्रवाई की बात कही है। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि उच्च अधिकारी अस्पताल स्टाफ की करतूत पर नाराजगी जाहिर करते हैं, लेकिन व्यवस्थाओं में सुधार नहीं ला पाते। शनिवार को ऐसा ही मामला सामने आया। अस्पताल के कर्मचारियों ने अस्पताल परिसर में ही मेडिकल वेस्ट को खुले में जला दिया।
जलाए हुए वेस्ट में पुराने एम्पुल और पीपीई थे। जिसके जलने से पटाखों के फटने जैसी आवाज आने लगी। आसमान में काला धुआं दूर-दूर तक दिखाई देने लगा। सूचना अस्पताल प्रबंधन के उच्च अधिकारियों तक पहुंची। आनन फानन में अधिकारी मौके पर पहुंचे। बायो मेडिकल के बचे हुए अवशेष को तत्काल बुझाया और कर्मचारियों की इस लापरवाही पर जमकर नाराजगी जाहिर की। फटकार लगाते हुए दोषी कर्मचारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की बात भी कही है। बताया जा
रहा है कि जिस स्थान पर आग लगाई गई। वहां आग को फैलने से रोकने के कोई इंतजाम नहीं किए गए थे। पास में ही हाई टेंशन विद्युत का पोल लगा हुआ था, जिससे आग के फैलने की भी आशंका थी। बायोमेडिकल वेस्ट में पीपीई किट सहित कई सामानों को आग में जलाया गया था, जिससे संक्रमण के फैलने का खतरा था। बायोमेडिकल वेस्ट को किस तरह से डिस्पोज करना है। इसके लिए नियम बने हुए हैं। इन नियमों के तहत ही बायोमेडिकल वेस्ट को ठीक तरह से डिस्पोज करना होता है, लेकिन मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कर्मचारियों से इस तरह की लापरवाही होता देख मौके पर पहुंचे अस्पताल अधीक्षक बेहद नाराज हुए।