चन्द्रिका कुशवाहा, नरेंद्र मिश्रा
रायपुर, आंचलिक न्यूज। साहित्य सृजन परिषद् भिलाई के तत्वाधान में संस्था का 24 वां स्थापना दिवस, सम्मान समारोह एवं काव्य पाठ का आयोजन वैकुंठ धाम मंदिर नेवयी मरोदा में किया गया। 09 जनवरी 2024 के इस आयोजन में सर्व प्रथम अतिथियों द्वारा मां वागिश्वरी के प्रतिमा पर पुष्प माला अर्पित कर दीप प्रज्ज्वलित किया गया और सरस्वती वंदना मोहम्मद हुसैन द्वारा प़स्तुत किया गया। अतिथियों का स्वागत पुष्प हार तथा पुष्प गुच्छ भेंट कर किया गया। सम्मान की प्रथम कड़ी में लोकप्रिय कथा लेखिका डॉ नलिनी श्रीवास्तव को शाल, श्रीफल, सम्मान पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सृजन अलंकरण सम्मान से विभूषित किया गया। प्रेम नारायण मौर्य प्रधान संपादक दैनिक किरण दूत को शाल, श्रीफल, सम्मान पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर पद्मश्री पं श्यामलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता सम्मान से अलंकृत किया गया तथा चंद्रिका प्रसाद कुशवाहा स्थानीय संपादक दैनिक अमर स्तंभ जिला सूरजपुर छत्तीसगढ़ को शाल, श्रीफल, अभिनंदन पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर वाचस्पति पदुमलाल पुन्नलाल बख़्शी पत्रकारिता सम्मान से नवाजा गया तथा अतिथियों को भी शाल और श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्यातिथि प्रसिद्ध कथाकार एवं वरिष्ठ पत्रकार शिवनाथ, कार्यक्रम अध्यक्ष विख्यात साहित्य संस्कृति विद् एवं प्रख्यात वक्ता आचार्य डॉ महेशचंद्र शर्मा, विशिष्ट अतिथि डॉ. विश्वमित्र बी दयाल एसोसिएट प्रोफेसर डी. के. एस. रायपुर तथा नरेंद्र मिश्र प्रबंध संपादक दैनिक अमर स्तंभ छत्तीसगढ़। इस कार्यक्रम में स्वागत भाषण संस्था अध्यक्ष एन एल मौर्य प्रीतम ने दिया। मां सरस्वती के चरणों में वंदन अभिनंदन के साथ सभी का अभिवादन करते हुए कहा कि आदि कवि बम भोले शंकर,नारद मुनि पहले पत्रकार। यही विचारे--
प्रकृति के करीब बहुत-करीब पहुंच,मानव में पुनः मानवता के गुण डालें, आइये हम सब कवि, साहित्यकार, पत्रकार मिल इस धरा पर पुनः स्वर्गिक वातावरण उतारें-ये ही नैतिक दायित्व है हमारे।।
विशिष्ट अतिथि डाक्टर विश्वमित्र बी. दयाल ने कहा कि साहित्य से ही समाज और राष्ट्र की उन्नति होती है। नरेंद्र मिश्र ने कहा कि पत्रकारिता का सत्य स्वरूप चाटुकारिता के दल-दल में विलीन हों रहा है यह चिंता का विषय है। पत्रकार चंद्रिका प्रसाद कुशवाहा ने सम्मानित होने पर कहा कि यह सम्मान मेरे लिए बहुत ही विशिष्ट है। आगे कहा समाज, देश व जनतंत्र को सुरक्षित रखने में साहित्य एवं पत्रकारिता की महती भूमिका है। स्वार्थी पत्रकार अहंकारीक पूंजीवाद का गुलाम होता है वह जनतंत्र को तोड़ने का स्वांग रच कर देश की जनता को अहंकारिक पूंजीवाद का गुलाम बनाता है। प्रेम नारायन मौर्य सम्मानित होने पर अपनी भावना व्यक्त किए और कहा कि साहित्य सृजन परिषद् भिलाई द्वारा सम्मान का यह पल सदैव अविस्मरणीय रहेगा पत्रकार में साहित्य की चेतना व संवेदनशीलता हों तथा साहित्य कार में सत्य उद्घाटित करने की पत्रकारिता हो, इसी सम्बन्ध समन्वय के साथ मैं संस्था एवं सभा में उपस्थित सभी प्रियजनों को ढेरों शुभकामनाएं देता हूं। सृजन अलंकरण सम्मान से अलंकृत होने पर डॉ. नलिनी श्रीवास्तव ने कहा यह मेरा सौभाग्य है कि मैं बख़्शीजी की सुपौत्री हूं, उनके करीब रही हूं और उन्हीं के पदचिन्हों पर चलती हुई यहां तक पहुंची हूं।आज सृजन अलंकरण सम्मान से सम्मानित होने पर मैं अभिभूत हूं दिल से हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। बड़ी खुशी की बात है कि वाचस्पति पदुमलाल पुन्नलाल बख़्शी पत्रकारिता सम्मान एवं पद्मश्री पं श्यामलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता सम्मान की शुरुआत आज से साहित्य सृजन परिषद् भिलाई कर रही है । मुख्य अतिथि शिवनाथ शुक्ल ने कहा कि साहित्य सृजन परिषद् के कवि और साहित्यकारों में चेतना व राष्ट्रीयता की वही धार है जो द्विवेदी और जयशंकर प्रसाद के युग में थी। देश की आजादी व राष्ट्रीय एकता में हिंदी साहित्य की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। हम सब अपनी लेखनी से चेतना व सद्भाव का प्रकाश फैलाएं ताकि आने वाली पीढ़ी का पथ प्रशस्त हो। कार्यक्रम के अध्यक्ष आचार्य डॉ महेशचंद्र शर्मा ने अपने अध्यक्षीय सारगर्भित उद्बोधन में उपस्थित कवि, साहित्यकारों एवं पत्रकारों का वात्सल्यता के शब्दों से पीठ थपधपाया तथा साहित्य के सेतुबंध से कुरूतियो के उन्मूलन हेतु प्रेरक प्रसंग प़स्तुत किया।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र का संचालन नीता कम्बोज शीरी ने किया और आभार व्यक्त ओम वीर करन ने किया।
दूसरे सत्र के मुख्य अतिथि शिवनाथ शुक्ल और अध्यक्षता जनाब डॉ रौनक जमाल साहब ने किया। काव्य पाठ की शुरुआत नीलम जायसवाल ने मां सरस्वती की वंदना से शुरू किया। काव्य पाठ में शिरकत करने वाले जितेंद्र कुमार वर्मा वैद्य, माला सिंह,विजय कुमार, प्रदीप भट्टाचार्य, प्रकाश मंडलजी, मोहम्मद हुसैन,हाजी रियाज खान गौहर, इस्माइल आजाद, चन्द्र कुमार बर्मन, श्रीमती छाया, प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, डॉ. नील कंठ देवांगन, डॉ. दीनदयाल साहूजी, गजेन्द्र द्विवेदी, लालजी साहू, नावेद रज़ा दुर्गवी,एन के अचिंत, ओमवीर करन, श्रीमती मंजू लता, मोहम्मद अबूतारिक,टी आर कोशरिया अलकरहा,प़दीप कुमार पाण्डेय, शुचि भवि,टी एन कुशवाहा अंजन, सोनिया सोनी आदि कवि कवयित्रियों ने अपनी रचनाओं का सरस पाठन किया । अध्यक्ष एवं मुख्य अतिथि ने भी काव्य पाठ किया। यह कार्यक्रम देर रात तक चला। विषेश रूप से उपस्थित राजकुमार भल्ला, यशोदा जायसवाल,आर. के. साहू, जनकलाल साहू, एपी निर्मलकर आदि। कार्यक्रम का संचालन-नीता कम्बोज शीरी ने किया और आभार प्रकट माला सिंह ने किया।