चंद्रिका कुशवाहा
सूरजपुर, आंचलिक न्यूज न्यूज.com। ठेकेदार की घोर लापरवाही से कछुआ की चाल से सड़क निर्माण कराया जा रहा है। धूल से स्कूली बच्चों सहित क्षेत्रवासी व राहगीर काफी परेशान हैं। राहगीरों के लिए जान की आफत बनी हुई है जबकि इतना सबकुछ होते हुए भी प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है।
जानकारी के अनुसार प्रतापपुर- राजपुर के बीच लोक निर्माण विभाग द्वारा की स्वीकृति से ठेकेदार द्वारा करोड़ों की लागत से 28 किलोमीटर टू लेन सड़क निर्माण कराया जा रहा है। जिसमें ग्राम पंचायत चाचीडांड 1 मे काक्रीट सड़क व डामरीकरण रोड का निर्माण कराया जाना है। सडक निर्माण लगभग 80 करोड़ की लागत से संभाग के 1 बड़े ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा है। ठेकेदार द्वारा कराए जा रहे कछुआ की चाल से निर्माण से राहगीरों की जान की आफत बन चुकी है। कोई भी सक्षम अधिकारी और ठेकेदार ना ही उसके कर्मचारी कुछ सुनने को तैयार है आलम यह है कि लगभग 5 माह पूर्व से निर्माण हो रहा है लेकिन आज तक राहगीरों को बस परेशानी का सामना ही करना पड़ रहा है। आए दिन लोग दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं साथ ही धूल के गुब्बारा से लोगों का गुजारना मुश्किल हो गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह एक जिला मुख्यालय से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है जिसमें बड़े-बड़े जनप्रतिनिधियों से लेकर जिले के आला अधिकारी आए दिन गुजरते हैं लेकिन कोई भी अपनी जिम्मेदार लेना नहीं चाहता, सारी परेशानी जैसे आम जनता कोही झेलनी लिखी है। लोक निर्माण विभाग के इस रवैया से लोग काफी दुखित है।
धूल से पट गया पूरा क्षेत्र..
सबसे बड़ी बात यह है कि इस टू लेन सड़क में गुजरने वाले राहगीरों को खासकर दो पहिया वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अगर एक भी बड़ी गाड़ी आगे से गुजर जाती है तो लगभग 5 मिनट तक सामने कुछ भी दिखाई नहीं पड़ता है जिससे दुपहिया वाहन चालक आए दिन दुर्घटना ग्रस्त हो रहे हैं साथ ही शांति नगर चौक से लेकर टुकुडांड चौक तक सुबह से लेकर रात तक धूल का अंबार ही नजर आता है जिसमें आज तक ना तो जिले के आला अधिकारी और ना ही संबंधित विभाग ग्रामीणों के हजार शिकायतों के बावजूद कोई भी कार्यवाही करती नहीं दिखी है।
सड़क पर जम गया है मिटटी का डस्ट, फिसल कर गिर रहे दो पहिया वाहन चालक
सड़क निर्माण में ठेकेदार की मनमर्जी व मनमानी के चलते आम नागरिक बहुत ज्यादा ही परेशान हो चुके हैं साथ ही जिले के बड़े अधिकारी भी दिलासा देते ही रह गए आज आलम यह है कि 5 माह पूर्व से बन रहे सड़क में खोदकर मिट्टी पैकिंग कर दिया गया है जिस में पानी छिड़काव नहीं होने के कारण मिट्टी का डस्ट लगभग एक से डेढ़ फीट जगह जगह जम गया है जिसमें आए दिन लोग गिरकर फिसल रहे हैं साथ ही दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं जिसमें ना तो ठेकेदार और ना ही जिले के आला अधिकारी कुछ करना जरूरी समझते हैं।
कछुए चाल से चल रही निर्माण कार्य
राजपुर प्रतापपुर टू लेन सड़क निर्माण कछुए की चाल से चल रही है चुकी है मुख्य मार्ग है जो आमजन को मुख्यालय से जोड़ता है जिसमें क्षेत्र के बड़े-बड़े जनप्रतिनिधि का इसी मार्क से आना जाना है लेकिन इन बड़े लोगों को दुपहिया वाहन में चल रहे हैं लोगों की परेशानी नहीं दिख रही है जो समझ से परे है साथ ही अधिकारियों का भी मौन रहना बहुत से सवाल खड़े करता है, आज 5 महीने बीत जाने पर्यंत भी आज तक 20% भी काम पूरी नहीं हुई है चुकी ठेकेदार द्वारा गड्ढा खोद दिया गया है और उसमें मिट्टी का पैचिंग कर दिया गया है, छह माह बाद बरसात आने वाला है अगर सही समय पर कार्य पूर्ण नहीं हो पाया तो आप अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि अभी यह हाल है तो बरसात के मौसम में इस सड़क का क्या हाल होगा लेकिन इन सब फिक्र से दूर ठेकेदार वह सूरजपुर जिला प्रशासन अपनी ही मनमर्जी मैं व्यस्त है।
भारी वाहनों से कभी भी घट सकती है बड़ी दुर्घटना
भारी वाहनों के चलने से दोपहिया वाहन में चलने वाले आम लोगों को धूल के कारण सामने कुछ भी दिखाई नहीं पड़ता है साथ ही मिट्टी का मलबा जमा होने के कारण दो पहिया वाहन के चक्का फिसल जाने के कारण आए दिन लोग दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं।वैकल्पिक मार्ग भी व्यस्त चुकी राजपुर प्रतापपुर मार्ग धूल और डस्ट से सराबोर हो चुका है।
स्कूली बच्चों सहित सड़क किनारे मकान वासी परेशान
धूल का सबसे खतरनाक असर छोटे बच्चों पर पड़ रहा है। शांति नगर चौक से टुकुडांड लगभग तीन से चार छोटे-बड़े स्कूल है जहां kg से लेकर 12वीं तक के बच्चे अध्यापन अर्थ है व सड़क किनारे बसे मकान व व्यपारी भी त्रस्त है। धूल और दस्त के कारण छोटे-छोटे बच्चे बीमार पड़ रहे हैं लेकिन शासन प्रशासन को इन सब से कोई मतलब नहीं है जो समझ से परे है।
इनका कहना है..
इस विषय में एसडीएम दीपिका नेताम से चर्चा के दौरान बताया कि गुणवत्ता एवं धूल को लेकर ग्रामीणों को राहत मिल सके इसके लिए अधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा।