CG NEWS: छात्रावास अधिक्षिका द्वारा पहाड़ी कोरवा कन्या आश्रम अहाता के अंदर में लगे हरे भरे पेड़ों को कटवाकर मध्यान भोजन बनाने किया जा रहा इस्तेमाल..


CG NEWS: छात्रावास अधिक्षिका द्वारा पहाड़ी कोरवा कन्या आश्रम अहाता के अंदर में लगे हरे भरे पेड़ों को कटवाकर मध्यान भोजन बनाने किया जा रहा इस्तेमाल..

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राकेश भारती

कुसमी, आंचलिक न्यूज। विकासखंड के ग्राम पंचायत धनेशपुर में  50 सीटर पहाड़ी कोरवा कन्या आश्रम संचालित है , जहा प्राप्त जानकारी के अनुसार नवीन पदस्थापना के तहत   छात्रावास अधिक्षिका के रूप में लगभग 2 से 3 माह पहले हुई  नियुक्ति छात्रावास अधिक्षिका द्वारा  कन्या आश्रम के अहाता  के अंदर कुछ पेड़ पूर्व में  8 /10 वर्ष पहले लगाया गया है, जो की अभी वर्तमान समय में बढ़कर बड़ा सा हरा भरण छायादार  पेड़  बनकर तैयार हो चुका है , मगर पहाड़ी कोरवा कन्या आश्रम छात्रवास अधिक्षिका द्वारा अपने 2 से 3 माह के नियुक्ति समयंत्राल  में 2 हरा भरा पेड़ को पहाड़ी  कन्या आश्रम  छात्रवास में पदस्थ चौकीदार से कटवाकर बच्चो का भोजन बनवाने के लिए लकड़ी के रूप में इस्तेमाल किया  जा रहा है , जबकि शासन से बच्चो के भोजन बनाने हेतु लकड़ी खरीदने के लिए अलग से प्रत्येक माह राशि दी जाती है , फिर भी छात्रावास अधिक्षिका द्वारा सभी नियमों को ताक पर रखकर 2 से 3 माह के नवीन  पदस्थापना के समयंत्राल  में 2 बड़े छायादार  हरा भरा पेड़ को कटवाकर बच्चो का भोजन पकाने में लकड़ी का इस्तेमाल किया जा रहा है ।जिससे क्षेत्र के ग्रामीण जनता सहित उपस्थित छात्रावास में निवासरत बच्चो का मन काफी दुखी है , छात्रावास अहाता में छायादार पेड़ उठने बैठने के लिए बहुत ही लाभदायक होता है ,जिसे पानी सिंचाई करके  बड़े ही मुश्किल से छोटा से बड़ा पेड़ तैयार किया जाता है ,वर्तमान समय में पदस्थ अधिक्षिका द्वारा अहाता के अंदर  2 पेड़ को  कटवाकर भोजन पकाने में लकड़ी का  इस्तेमाल करने से अहाता के अंदर में छायादार पेड़ समाप्त होते  जा रहा है।


इनका कहना है..

इस बारे में मंडल संयोजक कुसमी जिनके देख रेख में सभी छात्रवास एवम आश्रम संचालित है पूछने पर बताया गया की मुझे भी पेड़ कटवाने की  बात का पता चला है , इसका  जांच करवाते हुए उचित कार्यवाही करवाने की कोशिश करता हूं।

मंडल संयोजक हरिशंकर सोनवानी।


कुसमी विकासखंड शिक्षा अधिकारी रामपथ यादव से इस मामले में पूछने पर फोन के माध्यम से बताया गया की हरा भरा पेड़ को कटवाकर बच्चो के भोजन पकाने में लकड़ी का उपयोग करना गलत बात है आज शाम को मैं धनेशपुर पहाड़ी कोरवा कन्या  आश्रम  छात्रवास में जाकर जांच करके इस विषय में पूरी जानकारी देते हुए उचित कार्यवाही करता हूं।

विकासखंड शिक्षा अधिकारी, रामपथ यादव कुसमी।


अधिक्षिका दुतिका राठिया  पहाड़ी कोरवा कन्या आश्रम धनेशपुर।


इस बारे में वर्तमान में पदस्थ पहाड़ी कोरवा कन्या आश्रम छात्रवास धनेशपुर द्वारा फोन से हुई चर्चा दौरान बताया गया की मेरे द्वारा पेड़ को कटवा दिया गया है , आश्रम में पदस्थ चौकीदार एवम ग्राम पंचायत धनेशपुर  के सरपंच से पूछकर हरा भरा पेड़ को मेरे द्वारा कटवाया गया है ।


सरपंच ग्राम पंचायत धनेशपुर हबिल राम ।


ग्राम पंचायत धनेशपुर के सरपंच हबील राम से फोन से हुई चर्चा के दौरान इस बारे में पूछे जाने पर बताया गया की मैं पेड़ को नहीं देखा था , वर्तमान में पदस्थ छात्रावास अधिक्षिका द्वारा मुझसे सड़क में आते जाते समय यह कहा गया की पुराना पेड़ है ,यह पेड़ आंधी तूफान में गिर जाएगा  कहकर पेड़  कटवाने की बात की थी , अधिक्षिका द्वारा यह कहा गया था की यह पेड़ पुराना है गिर जाएगा , इस पेड़ को कटवा देती हूं तब की स्थिति में मैं बोला था की अगर काफी  पुराना पेड़ है तो देख कर कटवा दीजिएगा।


उपरोक्त छात्रावास अधिक्षिका द्वारा यह कहकर की पुराना पेड़ है गिर जाएगा , यह तथ्य पूरा पूरा गलत है , वर्तमान समय में कटे हुए पेड़ का जड़ को देख कर यह अंदाजा लगाया जा सकता की मुश्किल से 8 से10 वर्ष का नया पेड़ को  सरपंच से झूठ बोलकर वर्ष 2016/17 में लगाए गए पेड़ को छात्रवास अधिक्षिका द्वारा सभी नियमों को ताक पर रखकर 2 से 3 माह की अपनी नवीन  पदस्थापना के समयांतराल में 2 नया पेड़ कटवा कर बच्चो का भोजन पकाने में लकड़ी का इस्तेमाल किया जा रहा है। 

जहा शासन द्वारा प्रकृति के पर्यावरण को स्वच्छ रखने हेतु लगातार सभी जगह  पेड़ लगवाया जा रहा है वही एक शिक्षित छात्रवास अधिक्षिका द्वारा मुस्किल से 8 से 10 वर्ष का लगा हुआ छायादार तुंद /बकायिन्न के 2 को छात्रवास के चौकीदार से ही कटवा दिया गया , जिम्मेदार अधिकारी भी इस मामले को लेकर मौन दिखाई दे रहे है , समाचार के माध्यम से क्षेत्र की ग्रामीण जनता सहित गांव के जिमेदार जन प्रतिनिधि द्वारा सामरी विधायक सहित बलरामपुर कलेक्टर एवम  जिला शिक्षा अधिकारी से तत्काल उचित कार्यवाही करने की मांग की गई है जिससे भविष्य में कोई अन्य छात्रावास आश्रम के अधिक्षिका / अधीक्षक  या किसी शिक्षित शिक्षक के द्वारा हरा भरा पेड़ को न कटवाया जा सके  ।

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