एसडीएम जगन्नाथ वर्मा की कड़ी चेतावनी का असर, दुकानदारों ने लाखों रुपए किराया का किया भुगतान..


एसडीएम जगन्नाथ वर्मा की कड़ी चेतावनी का असर, दुकानदारों ने लाखों रुपए किराया का किया भुगतान..

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 सूरजपुर/बिश्रामपुर, 

ब्यूरो आंचलिक न्यूज।  एसडीएम सूरजपुर की समझाइस एवं फटकार पर शिवनंदनपुर  ग्राम पंचायत में आने वाले दुकानदारों अपनी दुकानों का किराया देना प्रारंभ कर दिया है। किराया भुगतान   करने वाले अटल बाजार के दुकानदारों का सिल  की गई दुकानों का ताला खोल कर ग्राम पंचायत भुगतान देना भी प्रारंभ कर दीया है ।

जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत शिवनंदनपुर का   इतवारी बाजार स्थित अटल बाजार के दुकान का किराया दुकानदारों द्वारा नहीं दिया जा रहा जिससे पंचायत की काफी क्षति हो रही थी। इसी प्रकार बस स्टैंड स्थित दुकानदारो द्वारा स्वयं कि  राशि से बनाई गई  दुकानों की साफ-सफाई के लिए पंचायत को दिए जाने वाला धनराशि भी देना प्रारंभ  कर दिया है । सूरजपुर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जगन्नाथ वर्मा ने इतवारी बाजार के दुकानदारों द्वारा जल्द किराया भुगतान करने का निर्देश दिया था नहीं किए जाने पर दुकानों का सीलबंदी कर दी थी जिससे परेशान दुकानदारों ने दुकानों का लंबे वक्त तक जाम किराया को भुगतान करना प्रारंभ कर दिया है। अब तक अटल बाजार कि दुकानदारों ने 395000  रु कि राशि की भुगतान पंचायत को कर दी है जबकि बस स्टैंड के दुकानदारों द्वारा स्वयं कि  राशि से बनाई गई अपनी दुकान के आसपास साफ सफाई नाम पर दिए जानें वाला धनराशि 44900  रु भुगतान  पंचायत को कर दी है ।यहां बताना आवश्यक है कि ग्राम पंचायत शिवनंदनपुर में दो प्रकार की दुकानें हैं एक साप्ताहिक बाजार में पंचायत में अपनी निधि से दुकानों का निर्माण कराकर बाकायदा बोली लगवाई थी। दुकानदारों  ने  बोली लगाकर दुकान प्राप्त  की थी परंतु दुकानदार किराया देना  बंद कर दिया था जिसे एसडीएम सूरजपुर जगन्नाथ वर्मा ने फटकार लगाई थी जिससे आज वे किराया का भुगतान करना प्रारंभ कर दिया है। बस स्टेंड कर दुकानदार अपने पैसा से  पंचायत की सहमति से दुकानों  44 दुकानों का निर्माण किया था  तथा साफ सफाई के लिए एक निश्चित धनराशि पंचायत को देने की बात कही थी जो धीरे-धीरे दुकानदारों ने भुगतान भी  करते रहे थे परंतु कुछ  लापरवाही के कारण भुगतान करना बंद कर दिया जिस पर एसडीएम सूरजपुर ने शक्ति दिखाई तो सभी दुकानदार स्वेक्षा धन राशि देना प्रारंभ कर दिया।  जिससे पंचायत को बड़ी राहत मिली है।

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