गोपाल सिंह विद्रोही
बिश्रामपुर, आंचलिक न्यूज। सड़क नवनिर्माण कार्य में घोर अनियमितता का आरोप ग्रामीणों द्वारा लगातार लगाया जा रहा है ग्रामीणों का मानना है कि एसईसीएल कंपनी के अधिकारी व पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार आपस में सांठगांठ कर गायत्री खदान परियोजना से जुड़े सड़क मार्ग एनएच 43 से लेकर छत्तीसगढ़ ढाबा तक लगभग 22 किलोमीटर कि नवनिर्माण सड़क पर जमकर लापरवाही, अनियमितता,व भ्रष्टाचार कि गई है कि जिसको लेकर शुरुआत से ही सड़क नव निर्माण पर लापरवाही, गुणवत्ताहिन सड़क, जैसे मुद्दों को लेकर हमेशा से ही अखबार के सुर्खियों में बनी रही साथ ही खबरों को लगातार सोशल मीडिया व अखबार के पन्नों में देखने को मिलता रहा व लोगों के द्वारा अधिकारियों तक शिकायतों को लेकर आवाज उठाते रहे लेकिन एसईसीएल कंपनी के गैरजिम्मेदार, लापरवाह अधिकारी इन खबरों व लोगों के आवाजों को नजर अंदाज करते हुए अपनी जिम्मेंदारियों से दूरी बनाते रहे
एसईसीएल के अधिकारी निष्पक्ष व जनपक्ष जांच करना जरूरी नहीं समझते
एसईसीएल कंपनी के अधिकारियों की गैर जिम्मेदराना व ठेकेदार की लापरवाही पूर्वक निर्माण कार्य कि वजह से पहली बरसात मैं ही नवनिर्माण सड़क की स्थिति दयनीय चुकी है जो हाल ही में कुछ ही महीनों पूर्व नवनिर्माण सड़क कार्य की स्थितियां सड़क खुद ही बयां कर रही है हाल ही में प्रारंभ किया गया नवनिर्माण सड़क जो बीच-बीच में अभी भी अधूरी है व कहीं - कहीं पर बनी हुई है जो सड़कों का हाल जमीनी स्तरीय जांच हो जाए तो सड़क की गुणवत्ता के प्रति अधिकारियों की क्या जिम्मेदारी रही होगी ऐ सड़के खुद ही बयां करेगी नव निर्माण सड़क की स्थिति ही खुद ही हल-बेहाल दिख रही है ठेकेदार व अधिकारियों की लापरवाही की वजह से एसईसीएल कंपनी के खदान परियोजनाओं में से निकलने वाली भारी भरकर कोयला लोड वाहनों के चलने से नव निर्माण सड़के अपने आप ही दबने शुरू हो चुके हैं व साइड शोल्डरो में मुरूम की जगह मिट्टी पाटने से पहली बरसात में ही मिट्टी कट कर खेतों में बह चुके हैं जो इन सड़कों की गुणवत्ता कि हाल बयां कर रही है इस गुणवत्ता विहीन सड़कों कि जिम्मेदारी व क्षेत्रीय अधिकारी खुद ही लेंगे या फिर ठेकेदार के मथे थोपेंगें या गुणवत्ताहीन सड़क निर्माण का जिम्मेदार आखिर कौन है क्योंकि क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने क्षेत्रीय अधिकारियों को कई बार मौखिक व फोन पर सड़क की गुणवत्ता को लेकर शिकायत की गई और अधिकारी 5 वर्ष तक ठेकेदार के द्वारा सड़क की मरम्मत व सुधार कार्य करने की गारंटी योजना का हवाला देते हुए अपने जिम्मेदारियां से पला झाड़ते रहे व ना ही कभी उच्च अधिकारी नव निर्माण सड़कों पर पहुंचकर कभी भी निष्पक्ष व जनपक्ष जांच पड़ताल किए ताकि ठेकेदार अनियमितताओं पर लगाम लगा सके जांच के नाम पर सिर्फ कागजों में खाना पूर्ति की गई है क्योंकि ठेकेदार व उसके वर्कर सड़क नवनिर्माण में अपनी गैरजिम्मेदारी, लापरवाही पूर्वक सड़क निर्माण कर उसमें हमेशा से ही अपनी मनमर्जी करते नज़र आए
एसईसीएल कंपनी के द्वारा सड़क निर्माण के लिए करोड़ों की हुई थी स्वीकृति
खदान पहुंच मार्ग से होते हुए ग्रामीण क्षेत्रों के सड़कों की विकास कार्यों व गुणवत्तापूर्ण सड़क नवनिर्माण के लिए एसईसीएल कंपनी के द्वारा लगभग 27 करोड रुपए स्वीकृत की गई है ताकि कोयला लोड वाहनों व ग्रामीणों की आवागमन आसान हो सके लेकिन एसईसीएल कंपनी के भ्रष्ट, गैर जिम्मेदार अधिकारी व पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार आपस में सांठ-गांठ कर इस क्षेत्र के सड़कों के लिए स्वीकृत हुए पैसों से अपनी जैबे भरने में लगे हुए हैं और सड़कों की विकास के लिए सड़क खुद ही रोना रो रही है जो की उच्च स्तरीय जांच की विषय है
क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि कामता प्रताप सिंह -
इस क्षेत्र के सड़कों को व विकास कार्यों को लेकर एसईसीएल कंपनी से हम लोग 20 वर्षों से लगातार चक्काजाम, हड़ताल, करते हुए मांग करते रहे तब जाकर एसईसीएल कंपनी सड़क निर्माण के लिए करोड़ों रुपए की सौगात दी है लेकिन कंपनी के अधिकारी व ठेकेदार की आपसी जुगलबंदी की वजह से शुरू से ही सड़क नवनिर्माण में लापरवाही पूर्वक कार्य, गैर जिम्मेदारी, गुणवत्ताहीन सड़क नवनिर्माण को लेकर आवाज उठाते रहे लेकिन अधिकारीयों की कानों तक हमारी आवाज कभी नहीं पहुंच पाई।
भाजपा नेता दरोगा सिंह ने बताया की करोड़ों की सड़के ठेकेदार व एसईसीएल कंपनी के क्षेत्रीय अधिकारियों कि वजह से नवनिर्माण सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है सड़क निर्माण कार्य में गुणवत्ता विहीन एवं घटिया सामग्री ,डामरीकरण कार्य में बिछाई गई घटिया गिट्टी की गुणवत्ता जैसे मुद्दों के बारे में हमेशा से अखबारों में पढ़ते व देखते रहे साथ ही हम लोग भी क्षेत्रीय अधिकारियों तक इसकी जानकारी देते रहे तब समय-समय पर ठेकेदार सड़कों कि लिपा पोती में मस्त हो जाते रहे ठेकेदार के द्वारा करोड़ों कि सड़क नवनिर्माण में गुणवत्ता की कमी व गुणवत्ता विहीन बनाया जा रहा है किसी से छुपी नहीं है।