बलरामपुर, छत्तीसगढ़
नरेंद्र मिश्रा, आंचलिक न्यूज। बलरामपुर कोतवाली पुलिस की हिरासत में एक युवक की संदिग्ध मौत से पूरे क्षेत्र में सनसनी फै
पुलिस कस्टडी में युवक की संदिग्ध मौत,,
गुरुचरण मंडल की लाश को बलरामपुर कोतवाली के अंदर बाथरूम में गमछे से फांसी के फंदे पर लटका हुआ पाया गया। इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस की कार्यप्रणाली और हिरासत में मौत को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। परिजनों ने इसे आत्महत्या मानने से इंकार करते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है, वहीं स्थानीय लोग भी पुलिस हिरासत में हुई इस संदिग्ध मौत को लेकर नाराज हैं और उन्होंने प्रशासन से जवाबदेही की मांग की है।
कर्मचारी संघ ने उठाई न्याय की मांग, शासन को चार सूत्रीय मांगें सौंपी,,
छत्तीसगढ़ प्रदेश कर्मचारी एनएचएम संघ ने इस घटना को लेकर अपना विरोध जताया और मृतक के परिवार को न्याय दिलाने के लिए शासन से चार सूत्रीय मांगें रखी हैं। उनकी प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:
1. स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच: संघ ने पुलिस कस्टडी में हुई इस मौत की स्वतंत्र जांच की मांग की है ताकि किसी भी प्रकार की लापरवाही या उत्पीड़न की स्थिति स्पष्ट हो सके।
2. मृतक के परिवार को मुआवजा: मृतक गुरुचरण मंडल के परिवार को मुआवजा राशि प्रदान करने की मांग की गई है, ताकि परिवार आर्थिक संकट का सामना न करे।
3. परिवार के एक सदस्य को नौकरी: गुरुचरण मंडल के परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की भी मांग की गई है, जिससे उनका परिवार आजीविका चला सके।
4. जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई: पुलिस विभाग के उन अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की गई है, जो इस मामले में दोषी पाए जाते हैं।
आंदोलन की चेतावनी,,,
छत्तीसगढ़ प्रदेश कर्मचारी एनएचएम संघ ने स्पष्ट किया है कि यदि एक सप्ताह के भीतर इन मांगों पर उचित कार्रवाई नहीं होती है, तो वे राज्यव्यापी आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक गुरुचरण मंडल के परिवार को न्याय नहीं मिल जाता, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि किसी भी कर्मचारी को पुलिस हिरासत में इस प्रकार की संदिग्ध मौत असहनीय है और ऐसे मामलों में पुलिस प्रशासन की जवाबदेही तय की जानी चाहिए।
क्षेत्र में तनाव का माहौल,,
इस घटना के बाद से बलरामपुर क्षेत्र में तनाव का माहौल है। स्थानीय नागरिकों और कर्मचारियों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। लोगों का मानना है कि हिरासत में किसी भी व्यक्ति की सुरक्षा पुलिस की जिम्मेदारी होती है, और इस मामले में पुलिस प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। घटना की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए लोगों ने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से पुलिस पर जनता का विश्वास कमजोर होता है।
इस घटना पर बलरामपुर प्रशासन और पुलिस की ओर से अभी तक कोई ठोस बयान नहीं आया है। हालांकि, जनता की मांग है कि इस मामले की पूरी तरह से निष्पक्ष जांच हो और दोषियों को कड़ी सजा मिले, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।