सूरजपुर, आंचलिक न्यूज। नवरात्र के चौथे दिन मंदिरों में मां दुर्गा के चतुर्थ स्वरूप कूष्मांडा देवी की बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ पूजा-अर्चना की गई। मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतार लग गईं। मंदिरों में गूंजते मां दुर्गा के भजनों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया। संध्या महाआरती में श्रद्धालुओं का भारी भीड़ उमड़ रहा। जिससे नगर सहित ग्रामीण अंचलों में भक्ति का माहौल बना हुआ है।
माँ दुर्गा पूजा समिति बस स्टैंड प्रतापपुर में विराजित एवं सरहरी दुर्गा मंदिर में भक्तों ने विधि विधान से मां भगवती की पूजा अर्चना की। माँ भगवती की महाआरती में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु भाग ले रहे है।
इस दौरान मां के जयकारे से माहौल गूंजता रहा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा देवी की आराधना से आयु, यश, बल और आरोग्य की वृद्धि होती है। शास्त्रों के अनुसार कूष्मांडा देवी की पूजा से ग्रहों के राजा सूर्य से उत्पन्न दोष दूर होते हैं। इसके साथ ही व्यापार, दांपत्य, धन और सुख समृद्धि में वृद्धि होती है।
मंद हल्की हंसी के द्वारा ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इस देवी को कुष्मांडा नाम से जाना जाता है।
पंडित जी ने बताया कि नवरात्रि में चौथे दिन देवी को कुष्मांडा के रूप में पूजा जाता है। अपनी मंद हल्की हंसी के द्वारा अण्ड यानी ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इस देवी को कुष्मांडा नाम से जाना जाता है। जब सृष्टि नहीं थी, चारों तरफ अंधकार ही अंधकार था, तब इसी देवी ने ब्रह्मांड की रचना की थी। इसीलिए इसे सृष्टि की आदिस्वरूपा या आदिशक्ति कहा गया है। मां कुष्मांडा देवी की आठ भुजाएं हैं, इसलिए अष्टभुजा कहलाईं।