भारत के रतन..
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आंखे हुई है नम
दुःख तो कम नही है।
भारत के है रतन
दिव्य पूंज तो वही है।।
चरणों में सुमन अर्पित
गमगीन है ये भारत।
रखेगी याद दुनिया
बनाया यैसा ईमारत।।
हो गया है विलीन
धरती भी रुदन है।
पत्ते पत्ते कहे रतन
भारत के सदन है।।
यैसा मानव कही कही
भारत भूमि महान है।
सदा बसे हैं तिरंगा
रतन टाटा इंसान है।।
बसे है हर दिलो में
हर मुख मे है रतन।
कीर्ति है भारत की
सदा गाएंगे वतन।।
प्रेरणा बनकर रहेगें
विश्व के शिखर पर।
बह रहे हैं आंसू
रतन के प्रखर पर।।
dp