दस्तावेज लेखक एवं स्टाम्प वेंडर संघ ने नवीन पंजीयन नियमों के विरोध में मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को दिया ज्ञापन, मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की दी चेतावनी..


दस्तावेज लेखक एवं स्टाम्प वेंडर संघ ने नवीन पंजीयन नियमों के विरोध में मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को दिया ज्ञापन, मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की दी चेतावनी..

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चंद्रिका कुशवाहा 
आंचलिक न्यूज। जिला दस्तावेज लेखक एवं स्टाम्प वेंडर संघ ने हाल ही में राज्य सरकार द्वारा पारित नवीन दस्तावेज पंजीयन नियमों के खिलाफ विरोध जताते हुए मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। संघ के सदस्यों ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर यह ज्ञापन दिया, जिसमें उन्होंने इन नियमों को तुरंत वापस लेने की मांग की है। ज्ञापन में दावा किया गया है कि इन नए नियमों के कारण दस्तावेज लेखकों और स्टाम्प वेंडरों की आजीविका पर गंभीर संकट मंडरा रहा है, जिससे वे और उनके परिवार बेरोजगार हो सकते हैं।

नियमों से आजीविका संकट की आशंका,,,

ज्ञापन में बताया गया कि दस्तावेज लेखक और स्टाम्प वेंडर पिछले 35-40 वर्षों से इस पेशे में लगे हुए हैं, और इस काम के जरिए अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। वर्तमान में वे जीवन के अंतिम चरण में हैं और किसी नए कार्य को करने में असमर्थ हैं। ऐसे में अगर नए नियम लागू होते हैं तो उन्हें अपने परिवार की आवश्यकताओं को पूरा करने में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। उनके अनुसार, नए पंजीयन कानून के लागू होने से उनकी आय का एकमात्र स्रोत खत्म हो जाएगा, जिससे उनके बच्चों की शिक्षा और परिवार का भरण-पोषण प्रभावित होगा।

पुरानी व्यवस्था को लागू रखने की मांग,,,

संघ ने मांग की है कि राज्य सरकार इस नए पंजीयन नियम को वापस ले और पूर्ववर्ती व्यवस्था को बहाल करे। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि अगर सरकार नए नियमों को पूरी तरह से वापस नहीं ले सकती तो दस्तावेज लेखकों और स्टाम्प वेंडरों के लिए कोई वैकल्पिक समाधान निकाले, जिससे उनकी आजीविका सुरक्षित रह सके। संघ का कहना है कि सरकार को इस वर्ग के लोगों की समस्याओं का ध्यान रखते हुए ऐसा नियम बनाना चाहिए जिससे उनके रोजगार का संकट टल सके।

आंदोलन की दी चेतावनी,,

संघ ने अपने ज्ञापन में यह भी स्पष्ट किया है कि अगर उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो वे आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि इस स्थिति में सभी दस्तावेज लेखक और स्टाम्प वेंडर सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शासन की होगी।
इस विरोध के चलते जिले में दस्तावेज पंजीकरण से जुड़े कार्यों में भी प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। अब देखना होगा कि सरकार इस मांग पर क्या रुख अपनाती है और क्या कदम उठाती है।

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