चंद्रिका कुशवाहा
सूरजपुर, आंचलिक न्यूज। प्रतापपुर क्षेत्र के किसानों को नकली खाद वितरण के गंभीर मामले में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति टुकूदाढ़ के प्रबंधक दीपक सिंह पर एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में सैकड़ों ग्रामीणों ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया कि उन्हें नकली खाद वितरित की गई, जिससे फसलों को भारी नुकसान हुआ। किसानों ने अपनी शिकायत कलेक्टर सूरजपुर के जनदर्शन में तीन बार की, साथ ही मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री और स्थानीय विधायक से न्याय की गुहार लगाई थी। इस मामले को स्थानीय मीडिया ने भी लगातार उठाया और किसानों के हित में इसे सार्वजनिक रूप से उजागर किया गया।
शिकायत और जांच की प्रक्रिया,,,
ग्रामीणों की शिकायतों के मद्देनजर सूरजपुर जिले के वरिष्ठ अधिकारियों और अंबिकापुर संभाग के उच्च अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से लिया और तुरंत जांच के आदेश दिए। जांच के दौरान दर्जनों किसानों के बयान दर्ज किए गए, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें नकली खाद वितरित की गई थी। इसके बाद प्रशासन ने सैकड़ों बोरियां नकली खाद जप्त कीं और उसे सील कर दिया। खाद के सैंपल लैब में भेजे गए, जहां जांच में यह पाया गया कि खाद नकली थी।
इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि शासकीय वितरण प्रणाली के तहत किसानों को नकली खाद वितरित किया गया था, जिसमें समिति प्रबंधक दीपक सिंह की मिलीभगत से खाद को धड़ल्ले से वितरित किया गया। लगातार हो रही शिकायतों और राजनीतिक दबाव के बाद कलेक्टर सूरजपुर ने तत्काल कृषि विकास अधिकारी प्रतापपुर को समिति प्रबंधक दीपक सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए।
एफआईआर दर्ज और कार्रवाई,,,
कलेक्टर सूरजपुर के आदेशानुसार कृषि विभाग के अधिकारियों की जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रतापपुर कृषि अधिकारी ने दीपक सिंह के खिलाफ प्रतापपुर थाना में एफआईआर दर्ज कराई। दीपक सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी), धारा 37, और अन्य धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है।
आरोपी फरार, पुलिस कर रही तलाश,,,
एफआईआर दर्ज होते ही समिति प्रबंधक दीपक सिंह फरार हो गया। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी हुई है, लेकिन अब तक सफलता हाथ नहीं लगी है। ग्रामीणों का आरोप है कि दीपक सिंह खुलेआम क्षेत्र में घूम रहा है, और कुछ पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाया जा रहा है कि वे रिश्वत लेकर मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। यहां तक कि दीपक सिंह को थाने में भी लाया गया था, लेकिन कुछ स्थानीय नेताओं के हस्तक्षेप से उसे कथित तौर पर छोड़ दिया गया। पुलिस ने हालांकि इस आरोप को नकारा है और कहा है कि आरोपी की तलाश जारी है, और जल्द ही कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों की नाराजगी और मांग,,,
ग्रामीणों में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि यदि समिति प्रबंधक दीपक सिंह के खिलाफ जल्द से जल्द ठोस कार्रवाई नहीं होती, तो वे आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि किसानों के साथ हुए इस धोखाधड़ी के मामले में दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
सरकार से न्याय की उम्मीद, जांच जारी,,,
इस गंभीर मामले को लेकर ग्रामीणों और राजनीतिक नेताओं के दबाव के बीच जिला प्रशासन ने इसे अपनी प्राथमिकता में रखा है। सरकार से लगातार कार्रवाई की मांग की जा रही है। प्रशासन ने भी भरोसा दिलाया है कि आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा और उचित न्याय मिलेगा। हालांकि, ग्रामीणों को डर है कि कहीं इस मामले को दबा न दिया जाए।
अन्य घोटालों की जांच जारी,,
समिति प्रबंधक दीपक सिंह को पहले ही समिति से निलंबित कर दिया गया है, और उसके खिलाफ अन्य अनियमितताओं की भी जांच चल रही है। खासकर धान, खाद वितरण और किसानों के क्रेडिट खातों में हुई गड़बड़ियों को लेकर भी कई नए मामले सामने आ रहे हैं, जिनकी प्रशासनिक जांच की जा रही है।
शिव शंकर यादव, कृषि विस्तार अधिकारी ने बताया कि कलेक्टर सूरजपुर और जिला कृषि विकास अधिकारी के आदेशानुसार नकली खाद मामले में जांच के बाद प्रतापपुर थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई है। ग्रामीणों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं और पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी है। जल्द ही इस मामले में न्याय मिलने की उम्मीद है।
इस विषय में एसडीओपी अरुण नेताम व थाना प्रभारी लक्ष्मण सिंह ने कहा कि मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है तथा आपराधिक मामले में 420, 37 सहित जांच चल रही है। जिसमें करीब तीन से चार धारा और बढ़ाई जाएगी, आरोपी का धर पकड़ जारी है।
ग्रामीणों की नजर अब इस बात पर टिकी है कि कब आरोपी गिरफ्तार होगा और उन्हें न्याय मिलेगा, या फिर मामला यूं ही दबा दिया जाएगा।