नरेंद्र मिश्रा
ब्यूरो बलरामपुर।
आंचलिक न्यूज। बलरामपुर जिले के सेमरसोत अभयारण्य के कोदौरा रेंज में बीती रात वन विभाग की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक पिकअप वाहन (नं. CG. 13, AC 2453) को अवैध रूप से साल प्रजाति की लकड़ी ले जाते हुए पकड़ा। इस वाहन से 7 नग लकड़ी के लठ्ठे जब्त किए गए, जिनका बाजार मूल्य लगभग ₹60,000 आंका गया है। वाहन को राजसात कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है, जबकि आरोपी फरार हो गए हैं।
इस पूरे मामले की जानकारी मुखबिर द्वारा दी गई थी। प्राप्त सूचना के अनुसार, पिकअप वाहन से अवैध लकड़ी को अंबिकापुर शहर में बिक्री के लिए ले जाया जा रहा था। सूचना मिलते ही उप-निदेशक एलिफेंट रिजर्व सरगुजा एवं अधीक्षक सेमरसोत अभयारण्य को सूचित किया गया। उनके निर्देश पर कोदौरा रेंज के गेम रेंजर अजय कुमार सोनी के नेतृत्व में तुरंत दो टीमों का गठन किया गया।
एक टीम को सरगंवा और दूसरी टीम को प्रतापपुर क्षेत्र में तैनात किया गया, ताकि संभावित मार्गों पर नजर रखी जा सके। टीम ने रात भर गश्त जारी रखी और करीब 12:30 बजे के आसपास सरगंवा जंगल क्षेत्र (P-36) में संदिग्ध पिकअप वाहन को देखा गया।
सरगंवा क्षेत्र में तैनात वन विभाग की टीम और स्थानीय ग्रामीणों की सहायता से पिकअप वाहन को घेर लिया गया। वाहन को रोकते समय अंधेरे का फायदा उठाकर चालक और अन्य आरोपी मौके से फरार हो गए। वाहन की जांच करने पर उसमें साल प्रजाति के कुल 7 लकड़ी के लठ्ठे लदे हुए पाए गए। इसके बाद, वन विभाग की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए वाहन को अपने कब्जे में लिया और पी०ओ०आर नंबर 19707 के तहत मामला दर्ज किया।
जप्त किए गए वाहन और लकड़ी को वन विभाग के नियमानुसार राजसात की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस मामले में आरोपियों की तलाश की जा रही है, और उनके पकड़ में आने के बाद पृथक से चालान पेश किया जाएगा। वन विभाग की टीम का कहना है कि यह अवैध तस्करी का एक गंभीर मामला है और तस्करों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस कार्रवाई में वन विभाग की पूरी टीम रात भर सक्रिय रही और बड़ी सतर्कता से यह ऑपरेशन अंजाम दिया गया। उप-निदेशक एलिफेंट रिजर्व सरगुजा और अधीक्षक सेमरसोत अभयारण्य के मार्गदर्शन में की गई इस कार्रवाई ने क्षेत्र में अवैध लकड़ी तस्करों के खिलाफ सख्त संदेश दिया है।
इस घटना से स्पष्ट है कि वन विभाग की सतर्कता और मुखबिर तंत्र की सक्रियता के कारण अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा रहा है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में भी ऐसे ऑपरेशनों को और तेज किया जाएगा, ताकि जंगलों और पर्यावरण को बचाने के लिए अवैध तस्करी पर पूरी तरह से लगाम लगाई जा सके।
वन्यजीवों और पर्यावरण की रक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों में यह कार्रवाई एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे यह साफ संदेश मिलता है कि अवैध तस्करी को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।