छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से शुरू, 5 दिनों तक चलेगी कार्रवाई, कानून-व्यवस्था पर होगी बहस, धान खरीदी और सरकारी नौकरियों पर रहेगा जोर,संक्षिप्त लेकिन अहम होगा सत्र..


छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से शुरू, 5 दिनों तक चलेगी कार्रवाई, कानून-व्यवस्था पर होगी बहस, धान खरीदी और सरकारी नौकरियों पर रहेगा जोर,संक्षिप्त लेकिन अहम होगा सत्र..

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नरेंद्र मिश्रा/चंद्रिका कुशवाहा

रायपुर: आंचलिक न्यूज। छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र आगामी 16 दिसंबर से शुरू होकर 20 दिसंबर तक चलेगा। विधानसभा सचिवालय ने इसकी आधिकारिक पुष्टि कर दी है। इस 5 दिवसीय सत्र के दौरान कुल 4 बैठकें होंगी। सत्र के एजेंडे में वित्तीय कार्यों के साथ-साथ प्रदेश के कई अहम मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।

धान खरीदी और सरकारी नौकरियों पर रहेगा जोर

सत्र के दौरान धान खरीदी का मुद्दा प्रमुख रहेगा, जो हर साल प्रदेश में सियासी और आर्थिक बहस का केंद्र रहता है। किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और खरीदी प्रक्रिया से जुड़े सवालों पर विपक्ष और सरकार के बीच तीखी बहस की संभावना है।

इसके साथ ही सरकारी नौकरियों में भर्ती का मामला भी चर्चा में रहेगा। प्रदेश में युवाओं के लिए सरकारी भर्तियों की प्रक्रिया तेज करने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग जोर पकड़ सकती है।

कानून-व्यवस्था पर होगी बहस..

सत्र में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी विपक्ष सरकार को घेरने की तैयारी में है। हाल ही में प्रदेश में बढ़ते अपराध, महिलाओं की सुरक्षा और प्रशासनिक तंत्र की स्थिति पर सवाल उठाए जा सकते हैं।

पक्ष-विपक्ष की रणनीति पर नजर..

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस जल्द ही अपने-अपने विधायक दलों की बैठकें कर सत्र के लिए रणनीति तैयार करेंगी। भाजपा के विधायक सत्र में सरकार की योजनाओं और नीतियों की खामियों को उजागर करने पर फोकस करेंगे, जबकि कांग्रेस विधायकों का जोर अपनी उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने और विपक्ष के सवालों का जवाब देने पर रहेगा।

वित्तीय कार्य भी होंगे पूरे..

सत्र के दौरान वित्तीय मामलों पर चर्चा के साथ कुछ आवश्यक विधेयक भी पेश किए जा सकते हैं। सरकारी खर्च और बजट की स्थिति पर भी चर्चा संभावित है।

संक्षिप्त लेकिन अहम होगा सत्र..

हालांकि सत्र केवल 5 दिनों का होगा, लेकिन इसके दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की संभावना है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह सत्र आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले प्रदेश की राजनीतिक दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

सारांश..

छत्तीसगढ़ विधानसभा का यह शीतकालीन सत्र राज्य की राजनीति के कई अहम पहलुओं पर प्रकाश डालने का मंच बनेगा। धान खरीदी, रोजगार, और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दे न केवल सदन की कार्यवाही में गर्मजोशी लाएंगे, बल्कि आम जनता की समस्याओं को भी केंद्र में रखेंगे।

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