छठ महापर्व म सुरुज भगवान के साथ छठ माता के आराधना होथे जेकर से लईका मन के रक्षा अऊ घर म सुख शांति बने रहिथे..


छठ महापर्व म सुरुज भगवान के साथ छठ माता के आराधना होथे जेकर से लईका मन के रक्षा अऊ घर म सुख शांति बने रहिथे..

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          जय छठी मईया..

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छठी मईया ल गोहरावव 

दरस ओखर मै ह पावअव 

महतारी मान के ।

       मईया ल मनवावव 

       अपन जान के ।।

लीपे पोते हव घर दुवार 

मंगल कलश सजाए हव।

मया तोरे मिल जाही 

आसरा मै ह लगाए हव।।

         निर्मल मन ल सजाए हव है 

कपट छोड़ के 

         मईया ल मनवावव 

         अपन जान के 

तोरे रूप मन के अंदर 

शक्ति रूप समाए हस।

नई जानय तोला मईया 

कण कण म समाए हस।।

          मईया के जश ल गांवअव

  अंतस म बैईठा के 

          मईया ल मनवावव 

          अपन जान के 

अर्ध देके तोला मनाहव 

सांझ अऊ बिहनिया।

ठेकुवाँ के भोग लगाहव 

सुरुज के बहनिया।।

          जीवन मोरे तर जाही 

पुकारथव तान के 

          मईया ल मनवावव 

          अपन जान के।।

प्रो० डी पी कोरी

      प्राचार्य

शासकीय महाविद्यालय बिश्रामपुर।।

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