जय छठी मईया..
*****************************
छठी मईया ल गोहरावव
दरस ओखर मै ह पावअव
महतारी मान के ।
मईया ल मनवावव
अपन जान के ।।
लीपे पोते हव घर दुवार
मंगल कलश सजाए हव।
मया तोरे मिल जाही
आसरा मै ह लगाए हव।।
निर्मल मन ल सजाए हव है
कपट छोड़ के
मईया ल मनवावव
अपन जान के
तोरे रूप मन के अंदर
शक्ति रूप समाए हस।
नई जानय तोला मईया
कण कण म समाए हस।।
मईया के जश ल गांवअव
अंतस म बैईठा के
मईया ल मनवावव
अपन जान के
अर्ध देके तोला मनाहव
सांझ अऊ बिहनिया।
ठेकुवाँ के भोग लगाहव
सुरुज के बहनिया।।
जीवन मोरे तर जाही
पुकारथव तान के
मईया ल मनवावव
अपन जान के।।
प्रो० डी पी कोरी
प्राचार्य
शासकीय महाविद्यालय बिश्रामपुर।।