प्रतापपुर नगर पंचायत: वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने की प्रक्रिया में अव्यवस्था, नए मतदाता परेशान, निराशा और हतोत्साह का माहौल..


प्रतापपुर नगर पंचायत: वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने की प्रक्रिया में अव्यवस्था, नए मतदाता परेशान, निराशा और हतोत्साह का माहौल..

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ब्यूरो रिपोर्ट
सूरजपुर, आंचलिक न्यूज। नगर पंचायत क्षेत्र में वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है, लेकिन नए मतदाताओं को इसमें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आज, नाम जोड़ने की अंतिम तिथि है, लेकिन प्रक्रिया की जटिलताओं और प्रशासनिक ढिलाई के कारण कई नए मतदाता अपना नाम वोटर लिस्ट में नहीं जुड़वा पा रहे हैं।

नाम जोड़ने की प्रक्रिया में देरी और समस्याएं

नगर पंचायत में पहली बार अपना नाम दर्ज कराने वाले नए मतदाताओं को बताया गया है कि उनका नाम लोकसभा और विधानसभा की मतदाता सूची में भी जोड़ा जाएगा। इसके लिए B6 फॉर्म का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें आधार कार्ड और फोटो के साथ फॉर्म को भरकर तहसील कार्यालय से चुनाव आयोग को भेजा जाता है।

तहसील कार्यालय के ऑपरेटर के अनुसार, फॉर्म भेजने के बाद चुनाव आयोग की ओर से ओटीपी और सीरियल नंबर जारी किए जाते हैं। लेकिन इस प्रक्रिया में 8-10 दिन का समय लग रहा है। इसकी वजह से आज अंतिम तिथि होने के बावजूद कई मतदाता अपने नाम जुड़वाने में असमर्थ हैं।

नए वोटरों की समस्याएं

1. समय की कमी:
अंतिम तिथि तक फॉर्म भरने के बाद ओटीपी आने में हो रही देरी के कारण कई मतदाता नगर पंचायत कार्यालय में नाम दर्ज नहीं करवा पा रहे हैं।

2. प्रक्रिया की जटिलता:
मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए आवश्यक कागजी प्रक्रिया और कई कार्यालयों के चक्कर लगाने से लोग हताश हैं।

3. अवसर से वंचित होने की आशंका:
जिनका नाम आज नहीं जुड़ सका, वे आगामी चुनावों में मतदान करने से वंचित हो सकते हैं, जिससे उनके बीच निराशा का माहौल है।

नए वोटरों की मांग

नए मतदाताओं ने प्रशासन और चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि नाम जोड़ने की प्रक्रिया को सरल और तेज़ बनाया जाए। उन्होंने मांग की है कि:

ओटीपी तुरंत प्रदान की जाए: ताकि अंतिम तिथि के बावजूद सभी पात्र लोगों का नाम जोड़ा जा सके।

प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए: ताकि एक ही जगह से सभी काम हो सकें और मतदाताओं को कई कार्यालयों के चक्कर न काटने पड़ें।

समय सीमा बढ़ाई जाए: अंतिम तिथि बढ़ाने की मांग भी की गई है ताकि लंबित आवेदनों का निस्तारण हो सके।

निराशा और हतोत्साह का माहौल

नाम नहीं जुड़वा पाने की वजह से कई नए मतदाता खुद को हतोत्साहित और उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि चुनाव आयोग और प्रशासन समय पर प्रक्रिया को सुव्यवस्थित नहीं करता, तो यह उनकी लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन होगा।

प्रशासन की जिम्मेदारी

इस अव्यवस्था ने प्रशासन और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर इस समस्या का जल्द समाधान नहीं निकाला गया, तो इसका असर आगामी चुनावों में मतदाताओं की भागीदारी पर पड़ सकता है।

निष्कर्ष:
नगर पंचायत क्षेत्र के नए मतदाताओं ने वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने की प्रक्रिया को लेकर जो परेशानियां झेली हैं, वह इस बात का प्रमाण है कि प्रशासनिक तंत्र को और अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने की आवश्यकता है। यह समय की मांग है कि नए वोटरों के लिए प्रक्रिया को सरल और तेज़ किया जाए, ताकि लोकतंत्र की बुनियादी परंपराओं को सशक्त किया जा सके।

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