नरेंद्र मिश्रा,प्रमुख सलाहकार
रायपुर, आंचलिक न्यूज – बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर सिविल अस्पताल में एक मरीज के परिजनों से सफाई कराए जाने के मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने गंभीर संज्ञान लिया है। मामले की जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत जांच शुरू की और इस मामले में दोषी पाए गए अस्पताल के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की।
मामला क्या था?
यह मामला वाड्रफनगर सिविल अस्पताल के एक वार्ड का है, जहां एक मरीज के परिजनों को सफाई का काम करने के लिए मजबूर किया गया। मरीज के परिजनों का आरोप था कि अस्पताल के कर्मचारियों ने उनकी मदद करने के बजाय सफाई कराने की जिम्मेदारी उन पर डाल दी। यह घटना अस्पताल के मानकों और पेशेवर आचरण के खिलाफ थी, और इसकी जानकारी जैसे ही स्वास्थ्य मंत्री को मिली, उन्होंने इसे गंभीरता से लिया और जांच के आदेश दिए।
जांच और कार्रवाई,,
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने इस मामले की आरंभिक जांच की और अपनी रिपोर्ट में ड्यूटी पर उपस्थित स्टाफ नर्स अमिता मिंज और वार्ड आया अनीता सिंह को दोषी पाया। रिपोर्ट के आधार पर बलरामपुर जिले के कलेक्टर ने दोनों कर्मचारियों को उनके पदीय दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही, अनुशासनहीनता और अकर्मण्यता के लिए निलंबित कर दिया।
निलंबन अवधि के दौरान दोनों कर्मचारियों को जिला अस्पताल बलरामपुर रामानुजगंज में मुख्यालय स्थानांतरित किया गया है, जहां वे अन्य कार्यों में व्यस्त रहेंगे। कलेक्टर ने कहा कि इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
स्वास्थ्य मंत्री का बयान,
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा, "यह घटना अत्यंत गंभीर और अस्वीकार्य है। अस्पताल में आने वाले मरीजों और उनके परिवारों के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं होना चाहिए। अस्पताल का उद्देश्य सिर्फ मरीजों का उपचार करना है, न कि उन्हें अतिरिक्त कठिनाई में डालना। दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की गई है और स्वास्थ्य विभाग इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा।"
अस्पताल प्रशासन की ओर से बयान,,,
वाड्रफनगर सिविल अस्पताल के प्रशासन ने भी इस घटना पर खेद जताया और कहा कि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो, इसके लिए अस्पताल में सफाई और अनुशासन से संबंधित सख्त दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। अस्पताल ने यह भी बताया कि संबंधित कर्मचारियों को उनके कर्तव्यों के बारे में और ज्यादा जागरूक किया जाएगा ताकि इस तरह की लापरवाही की पुनरावृत्ति न हो।
मरीजों और उनके परिजनों का आक्रोश,,
इस घटना के बाद, मरीजों और उनके परिजनों ने भी अस्पताल प्रशासन की खासी आलोचना की। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उठाया और अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा इस तरह की लापरवाही पर नाराजगी व्यक्त की। वहीं, अस्पताल प्रशासन ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए अपने कार्यों में सुधार का वादा किया।
निष्कर्ष,,
यह घटना बलरामपुर जिले के स्वास्थ्य विभाग के लिए एक चेतावनी है। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और कर्मचारियों के प्रति अनुशासन बनाए रखने के लिए इस तरह की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखनी होगी। अस्पताल प्रशासन को चाहिए कि वे भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए उचित प्रशिक्षण और दिशा-निर्देश जारी करें, ताकि मरीजों और उनके परिजनों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।