अजय कुमार साहू
जरही/प्रतापपुर, आंचलिक न्यूज। जजावल गांव के किसानों और ग्रामीणों ने धान खरीदी केंद्र की स्थापना और अन्य समस्याओं को लेकर अपनी आवाज बुलंद की है। सूरजपुर जिले के कलेक्टर एस. जयवर्धन के जजावल दौरे के दौरान किसानों ने अपनी समस्याएं और मांगें स्पष्ट रूप से रखीं, लेकिन कलेक्टर द्वारा दिए गए आश्वासनों से किसान संतुष्ट नहीं दिखे।
किसानों की प्रमुख मांगें
1. धान खरीदी केंद्र की स्थापना:
ग्रामीणों ने एकजुट होकर कहा कि जजावल में धान खरीदी केंद्र खोला जाए। उनका कहना है कि चंदौरा जाकर धान बेचने से उन्हें भारी परेशानी होती है।
2. कर्ज माफी की मांग:
किसानों ने कहा कि यदि जजावल में धान खरीदी केंद्र नहीं खोला जाता, तो उनका कर्ज माफ किया जाए।
3. सड़क मरम्मत नहीं, धान परिवहन की व्यवस्था हो:
ग्रामीणों ने खराब सड़कों की मरम्मत के लिए 15वें वित्त की राशि खर्च करने का विरोध किया। उनका तर्क है कि सड़क की मरम्मत से समस्याएं खत्म नहीं होंगी, बल्कि मिट्टी डालने से सड़क और अधिक खराब हो जाएगी, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ेगी। उन्होंने मांग की कि यह राशि किसानों के धान परिवहन पर खर्च की जाए।
कलेक्टर का आश्वासन और किसानों की प्रतिक्रिया
कलेक्टर एस. जयवर्धन ने ग्रामीणों से चर्चा करते हुए सड़क मरम्मत का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि 15वें वित्त की धनराशि से सड़कों की स्थिति सुधारी जाएगी।
हालांकि, किसानों ने इस आश्वासन को नकारते हुए कहा कि उनकी प्राथमिक मांग धान खरीदी केंद्र खोलने की है। सड़क की मरम्मत उनके लिए समाधान नहीं है।
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि अधिकारी उनकी समस्याओं को अनदेखा कर रहे हैं और उनके आवाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि जजावल के विकास के लिए ठोस कदम उठाए बिना केवल आश्वासन देना छलावा है।
किसानों की चेतावनी
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जजावल में धान खरीदी केंद्र नहीं खोला गया और उनकी अन्य मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो वे बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेंगे।
उन्होंने कहा, "हम चंदौरा जाकर धान नहीं बेचेंगे। यदि हमारी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो हम धरना-प्रदर्शन, चक्का जाम और उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।"
गांवों से बड़ी संख्या में किसान हुए शामिल
इस प्रदर्शन में जजावल और आसपास के गांवों जैसे गोरगी, अंजनी, गिरिया, चिकनी, मयूर धक्की, भुडूपानी आदि से बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। प्रदर्शन में राम अवतार, शिवदयाल सिंह, चंद्रदेव सिंह, प्रदीप सिंह, देवसरण सिंह, बृज लाल, सुदामा राम यादव, और शिव भजन सिंह जैसे किसान नेताओं ने अपनी बात रखी।
शासन-प्रशासन पर आरोप
किसानों ने आरोप लगाया कि शासन-प्रशासन उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहा है। उन्होंने कलेक्टर पर किसानों के हितों को नजरअंदाज करने और केवल प्रतीकात्मक आश्वासन देने का आरोप लगाया।
आगे की कार्रवाई
किसानों की मांगों को लेकर प्रशासन पर दबाव बढ़ रहा है। कलेक्टर ने प्रदर्शनकारियों को शांत करते हुए उनकी मांगों को शासन तक पहुंचाने का भरोसा दिया, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे अपने आंदोलन को जारी रखेंगे।
यह मुद्दा अब क्षेत्रीय राजनीति और प्रशासनिक नीतियों का केंद्र बन गया है। देखना होगा कि प्रशासन किसानों की मांगों पर कब और क्या कार्रवाई करता है।