अधिवक्ता डीके सोनी: भारत सहित विदेशों में भी बजा रहे डंका, जनसेवा के माध्यम से न्याय और भ्रष्टाचार विरोध की अनूठी मिसाल, भ्रष्टाचारियों की पोल खोल दिला रहे सजा, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान, जल्द आने वाली है फिल्म "डीके"


अधिवक्ता डीके सोनी: भारत सहित विदेशों में भी बजा रहे डंका, जनसेवा के माध्यम से न्याय और भ्रष्टाचार विरोध की अनूठी मिसाल, भ्रष्टाचारियों की पोल खोल दिला रहे सजा, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान, जल्द आने वाली है फिल्म "डीके"

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चंद्रिका कुशवाहा की खास रिपोर्ट

 छत्तीसगढ़, आंचलिक न्यूज: मध्यभारत में एक ऐसा नाम जो न्याय, जनसेवा और भ्रष्टाचार विरोध की आवाज़ बन चुका है—डॉ. डीके सोनी। आरटीआई एक्टिविस्ट और अधिवक्ता डीके सोनी ने अपने साहसिक प्रयासों से न केवल भ्रष्टाचारियों की पोल खोली, बल्कि समाज के वंचित तबकों को न्याय दिलाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनके इसी अद्वितीय योगदान के चलते उन्हें "अवार्ड मैन" के नाम से भी जाना जाता है।

आरएसएस से जुड़ाव और प्रेरणा का स्रोत 

डॉ. डीके सोनी का बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से गहरा जुड़ाव रहा है। संघ के कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी और प्रचारकों के प्रेरक उद्बोधन ने उनके मन में देशभक्ति और समाजसेवा की भावना जागृत की। यही भावना उनके जीवन का मूलमंत्र बन गई, और उन्होंने गरीब आदिवासियों तथा समाज के पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए संघर्ष का रास्ता चुना।

आरटीआई: भ्रष्टाचार के खिलाफ हथियार..

वर्ष 2005 में केंद्र सरकार द्वारा लागू राइट टू इंफॉर्मेशन (आरटीआई) कानून ने डीके सोनी को एक मजबूत हथियार दिया। उन्होंने इस कानून का उपयोग करते हुए कई बड़े घोटालों का पर्दाफाश किया।

मनरेगा घोटाला (2005): मजदूरों को काम के बदले अनाज देने की योजना में करोड़ों की गड़बड़ी उजागर कर 5 करोड़ रुपए की वसूली कराई।

प्रोटोकॉल घोटाला (2007): सरकारी खजाने से फर्जी वाहनों के नाम पर निकाले गए करोड़ों रुपए का खुलासा कर दोषियों पर कार्रवाई करवाई।

डॉ. डीके ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में कुल 15 जनहित याचिकाएं दायर की हैं, जिनमें से कई मामलों में सफलता मिली है।

समाजसेवा के लिए संस्थाओं की स्थापना..

गरीबों और आदिवासियों को न्याय दिलाने के लिए डॉ. डीके सोनी ने सरगुजा सोसाइटी फॉर फास्ट जस्टिस की स्थापना की। राष्ट्रीय स्तर पर वे नेशनल फेडरेशन ऑफ सोसाइटी फॉर फास्ट जस्टिस के माध्यम से लोगों की लड़ाई लड़ते हैं। इसके अलावा, वे स्वर्णकार समाज की विभिन्न संस्थाओं के अध्यक्ष के रूप में भी कार्यरत हैं और समाज के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए काम कर रहे हैं।

350 किलोमीटर की पदयात्रा से न्याय की पहल..

डॉ. डीके ने 2016 में ग्राम अधिकार यात्रा निकाली, जिसमें 350 किलोमीटर की पैदल यात्रा के माध्यम से आदिवासियों को सड़क, पानी, बिजली, और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए जागरूक किया। उन्होंने पहाड़ी कोरवाजों के अधिकारों के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से मुलाकात की और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान..

डॉ. डीके सोनी को उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 33 पुरस्कार मिल चुके हैं।

जापान के टोक्यो में "बेस्ट लॉयर एंड आरटीआई एक्टिविस्ट ऑफ द ईयर 2024" का पुरस्कार।

"पृथ्वी रत्न अवार्ड," "डायनामिक एडवोकेट," और "इंडिया आइकॉनिक सोशल जस्टिस अवार्ड 2023" जैसे प्रतिष्ठित सम्मान।

सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के न्यायाधीशों द्वारा विशेष रूप से सम्मानित किया जाना।

आने वाली फिल्म "डीके"

डॉ. डीके सोनी के रोमांचक जीवन और साहसिक संघर्ष पर आधारित एक फिल्म "डीके" जल्द ही सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी। यह फिल्म उनके जीवन के संघर्ष, साहस और समाज के प्रति समर्पण को दिखाएगी।

भविष्य की योजनाएं..



डॉ. डीके सोनी का सपना है कि हर व्यक्ति को घर बैठे न्याय मिले और ग्राम न्यायालयों की स्थापना हो। इसके साथ ही वे आरटीआई और अन्य कानूनी साधनों का उपयोग कर भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रख रहे हैं।

डॉ. डीके सोनी न केवल मध्यभारत बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं। उनके कार्य समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।

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