ब्यूरो रिपोर्ट
सूरजपुर, आंचलिक न्यूज। 23 दिसंबर 2024, सोमवार को सेवाकुंज समिति, जिला सूरजपुर के तत्वाधान में सामाजिक उत्तरदायित्व का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया गया। ओड़गी विकासखंड के बिहारपुर क्षेत्र के दूरस्थ ग्राम महुली, कछुआरी, तेलईपाट, लूल, बैजनपाट, कांतिपुर, और नवगई सहित अन्य गांवों में निवासरत पंडो जनजाति परिवारों को ठंड से बचाने के लिए 200 कंबलों का वितरण किया गया। यह कार्य मदन जायसवाल, नवनीत जायसवाल, कृष्ण मुरारी पाण्डेय, संजय जायसवाल, धर्मेन्द्र विश्वकर्मा, कृष्णा गुर्जर, भगवंत गुर्जर सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में संपन्न हुआ।
पंडो जनजाति की कठिन परिस्थितियां
यहां के पंडो जनजाति परिवार अत्यंत कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन कर रहे हैं। इन दूरस्थ गांवों में कड़ाके की ठंड पड़ती है, लेकिन यहां न तो पर्याप्त गरम कपड़ों की सुविधा है और न ही अन्य बुनियादी सुविधाएं। बिजली की अनुपलब्धता और आर्थिक कठिनाइयों के चलते ये परिवार अपने बच्चों को ठंड से बचाने के लिए अनोखा तरीका अपनाते हैं। वे अपने घरों में गड्ढा खोदकर उसमें पैरा (पुआल) डालते हैं और बच्चों को उसमें सुलाकर ठंड से बचाने की कोशिश करते हैं।
समाजसेवियों का प्रयास
कंबल वितरण का यह अभियान उन परिवारों के लिए राहत का कार्य साबित हुआ। मदन जायसवाल ने कहा कि इन क्षेत्रों की दुर्गमता के बावजूद जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है। नवनीत जायसवाल ने बताया कि यह पहल समाज में संवेदनशीलता और सहयोग की भावना को बढ़ावा देती है। कृष्ण मुरारी पाण्डेय ने बताया कि ठंड के समय इस तरह की मदद इन परिवारों के लिए जीवन रक्षक साबित होती है।
राष्ट्र के विकास पर सवाल
इस अभियान के दौरान यह बात भी सामने आई कि इन दूरस्थ क्षेत्रों में आज भी बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं पहुंच पाई हैं। यह स्थिति न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि राष्ट्र के समग्र विकास पर भी सवाल खड़ा करती है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
कंबल पाकर पंडो जनजाति परिवारों ने प्रसन्नता व्यक्त की और सेवाकुंज समिति के सदस्यों का धन्यवाद किया। इस अभियान से न केवल ठंड से राहत मिली, बल्कि इन परिवारों को यह भरोसा भी हुआ कि समाज के लोग उनकी कठिनाइयों के प्रति संवेदनशील हैं।
सेवाकुंज समिति का उद्देश्य
सेवाकुंज समिति का यह अभियान समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने और उसकी जरूरतों को पूरा करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। समिति के सदस्यों ने इस बात का संकल्प लिया कि वे आगे भी इस तरह की पहल करते रहेंगे।
इस तरह के प्रयास न केवल समाज के वंचित वर्ग को राहत देते हैं, बल्कि दूसरों को भी प्रेरित करते हैं कि वे अपने आस-पास की कठिनाइयों को समझें और उनकी मदद के लिए आगे आएं।