अविनाश कुशवाहा
प्रतापपुर, आंचलिक न्यूज। शासकीय कालिदास महाविद्यालय, प्रतापपुर में पुण्य श्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होलकर जी की 300वीं जयंती के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम ने न केवल छात्रों और शिक्षकों, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों को एक साथ लाने का काम किया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में कोरिया विभाग के विभाग प्रचारक नागेश नाथ योगी जी उपस्थित रहे। उन्होंने अपने उद्बोधन में लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "अहिल्याबाई जी बचपन से ही माता-पिता के प्रभाव से शिवभक्त बनीं और समाजसेवा में अपनी अद्वितीय भूमिका निभाई। उनके शासनकाल में उन्होंने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया, नगरों का पुनर्निर्माण किया, तालाब और बांध बनाए, और काशी विश्वनाथ मंदिर सहित अनेक मंदिरों का जिर्णोद्धार कराया।"
महेश्वर साड़ी का योगदान..
योगी जी ने विशेष रूप से यह भी बताया कि अहिल्याबाई होलकर ने महेश्वर साड़ी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई, जिससे भारतीय कला और संस्कृति को एक नई ऊंचाई मिली।
छात्र-छात्राओं को संदेश..
कार्यक्रम में आयोजन समिति की संयोजक प्रतिमा सिंह जी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, "अहिल्याबाई जी का जीवन प्रेरणा का स्त्रोत है। उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य और संकल्प के साथ समाज की सेवा की। उनकी नीतियां और कार्य आज भी प्रासंगिक हैं। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेकर समाज और राष्ट्र के उत्थान में योगदान देना चाहिए।"
प्राचार्य का संदेश..
महाविद्यालय के प्राचार्य आर. पी. सिंह जी ने भी छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, "अहिल्याबाई होलकर जी एक आदर्श प्रशासक, समाजसेवी और आध्यात्मिक नेतृत्व की प्रतीक थीं। उनके शासनकाल में किए गए कार्य न केवल उनके समय के लिए बल्कि आज भी अनुकरणीय हैं।"
प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति..
इस कार्यक्रम में कोरिया विभाग प्रचारक नागेश नाथ योगी जी और आयोजन समिति की संयोजक प्रतिमा सिंह जी के अलावा कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें आनंद शुक्ला, विक्रम नामदेव, प्रदीप यादव, बरत लाल, प्रमोद सिंह, देवेश सिंह, राज यादव, नरेंद्र सिंह शामिल हैं।
छात्र-छात्राओं की भागीदारी..
कार्यक्रम में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने बड़ी संख्या में भाग लिया। विद्यार्थियों ने न केवल वक्ताओं के विचारों को सुना, बल्कि उनके जीवन से जुड़े सवाल भी पूछे, जिससे कार्यक्रम और भी संवादात्मक और प्रेरणादायक बन गया।
सारांश..
लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती का यह कार्यक्रम उनके महान जीवन और कार्यों को याद करने और उनसे प्रेरणा लेने का एक अद्भुत अवसर था। यह आयोजन आने वाली पीढ़ी को समाज और राष्ट्र निर्माण के प्रति जिम्मेदारियों का अहसास कराने में सहायक सिद्ध हुआ।
प्रतापपुर महाविद्यालय का यह आयोजन न केवल शैक्षिक संस्थानों के लिए एक आदर्श है, बल्कि यह समाज के हर व्यक्ति को अपने दायित्वों का बोध कराने की प्रेरणा देता है।