अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
सारंगढ़, आंचलिक न्यूज। नौकरी लगाने के नाम पर दो लाख रुपये की ठगी करने वाले फरार आरोपी को सरसीवां पुलिस ने कोरबा साइबर सेल की मदद से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
कैसे हुआ ठगी का खुलासा?
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमति निमिषा पाण्डेय ने जानकारी दी कि सरसीवां थाना क्षेत्र के ग्राम पेंड्रावन निवासी रूपेश कुमार बघेल ने 3 जुलाई 2023 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि आरोपी गोविंद सिंह धीरहे ने कलेक्ट्रेट सारंगढ़ में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उससे 1,85,000 रुपये ठग लिए।
नौकरी नहीं लगने और रुपये वापस मांगने पर आरोपी ने रुपये लौटाने से इनकार कर दिया। ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इस पर सरसीवां थाना में आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।
कोरबा साइबर सेल की मदद से गिरफ्तारी
आरोपी गोविंद सिंह धीरहे लंबे समय से फरार था और उसके खिलाफ अन्य थानों में भी धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज थीं। 8 दिसंबर को मुखबिर से सूचना मिली कि आरोपी कोरबा के आसपास देखा गया है।
सरसीवां पुलिस ने कोरबा साइबर सेल टीम के सहयोग से कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर सरसीवां लाया। ठगी के पुख्ता सबूत मिलने पर आरोपी को भटगांव न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
नाम: गोविंद सिंह धीरहे उम्र: 35 वर्ष, पिता का नाम: संतोष धीरहे,पता: ग्राम करूमौहा, चौकी रजगामार, जिला कोरबा (छत्तीसगढ़)।
पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका
इस कार्रवाई में कोरबा साइबर सेल और सरसीवां थाना स्टाफ का महत्वपूर्ण योगदान रहा। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने टीम की तत्परता और कुशलता की प्रशंसा की है।
यह कार्रवाई नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वालों के खिलाफ एक सख्त संदेश है। पुलिस ने जनता से अपील की है कि ऐसी धोखाधड़ी से सतर्क रहें और संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।