जरही में चुनावी घमासान: निर्दलीयों की एंट्री से भाजपा और कांग्रेस में खलबली, क्या निर्दलीय अभय विश्वकर्मा बनेंगे जरही के नए अध्यक्ष? क्या नगर पंचायत जरही में इस बार जनता बदलेगी सत्ता का समीकरण?


जरही में चुनावी घमासान: निर्दलीयों की एंट्री से भाजपा और कांग्रेस में खलबली, क्या निर्दलीय अभय विश्वकर्मा बनेंगे जरही के नए अध्यक्ष? क्या नगर पंचायत जरही में इस बार जनता बदलेगी सत्ता का समीकरण?

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अविनाश कुशवाहा 

प्रतापपुर/जरही, आंचलिक न्यूज। नगर पंचायत जरही में नगरीय निकाय चुनाव इस बार बेहद रोचक मोड़ पर आ गया है। परंपरागत रूप से भाजपा और कांग्रेस के बीच सत्ता की अदला-बदली देखने को मिलती रही है, लेकिन इस बार चुनावी समीकरण तेजी से बदलते नजर आ रहे हैं। निर्दलीय प्रत्याशी न सिर्फ भाजपा-कांग्रेस को कड़ी टक्कर दे रहे हैं, बल्कि जनता के मूड को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि वे इस बार जीत की दौड़ में सबसे आगे निकल सकते हैं।

भाजपा-कांग्रेस की रणनीति और जनता का रुख

बीते दो चुनावों में भाजपा और कांग्रेस ने बारी-बारी से नगर पंचायत पर कब्जा जमाया, लेकिन इस बार समीकरण अलग हैं।
➡️ भाजपा ने पूर्व अध्यक्ष पति पूरन राजवाड़े पर भरोसा जताया है और वे सरकार की योजनाओं को लेकर जनता के बीच प्रचार कर रहे हैं।
➡️ कांग्रेस ने युवा प्रत्याशी प्रेम राजवाड़े को मैदान में उतारा है, जो अपने कार्यकाल के विकास कार्यों को जनता के बीच गिनाने में जुटे हैं।
➡️ लेकिन, भाजपा और कांग्रेस दोनों के बागियों ने निर्दलीय मैदान में उतरकर इस चुनावी मुकाबले को बेहद दिलचस्प बना दिया है।

बागियों की बगावत और निर्दलीयों का उभार 

इस बार चुनावी तस्वीर को और पेचीदा बना रहे हैं भाजपा और कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी।
➡️ भाजपा से टिकट न मिलने पर विमला राजवाड़े और भगवती प्रताप चंद्रा ने निर्दलीय मैदान में ताल ठोक दी है।
➡️ कांग्रेस से टिकट न मिलने पर अभय विश्वकर्मा ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया है, जिससे कांग्रेस के समीकरण गड़बड़ा गए हैं।

क्या निर्दलीय अभय विश्वकर्मा बनेंगे जरही के नए अध्यक्ष? 

जरही में निर्दलीय प्रत्याशी अभय विश्वकर्मा सबसे मजबूत उम्मीदवार के रूप में उभरते नजर आ रहे हैं।
✅ वे पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष स्व. बीजू दासन के करीबी माने जाते हैं, जिनके कार्यकाल में नगर में बड़े पैमाने पर विकास कार्य हुए थे।
✅ बीजू दासन की पत्नी निशा बीजू दासन भी उनके समर्थन में उतरकर घर-घर प्रचार कर रही हैं, जिससे जनता का रुझान उनकी ओर बढ़ रहा है।
✅ मतदाताओं को उनमें जरही के विकास की झलक नजर आ रही है और वे बड़ी संख्या में उनका समर्थन कर रहे हैं।

कौन मारेगा बाज़ी – भाजपा, कांग्रेस या निर्दलीय?

15 फरवरी को होने वाले मतदान में यह साफ हो जाएगा कि क्या जनता भाजपा-कांग्रेस को एक बार फिर मौका देगी या इस बार निर्दलीयों पर भरोसा जताएगी।
➡️ क्या निर्दलीय अभय विश्वकर्मा जरही के नए अध्यक्ष बनकर भाजपा और कांग्रेस को बड़ा झटका देंगे?
➡️ या फिर भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशी अपनी रणनीति में बदलाव कर जनता का विश्वास जीत पाएंगे?

जनता की प्रतिक्रियाओं को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि इस बार जरही के राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय लिखा जा सकता है। अब सभी की निगाहें 15 फरवरी को होने वाली मतगणना पर टिकी हैं, जो यह तय करेगी कि जरही का भविष्य किसके हाथों में होगा!

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