चंद्रिका कुशवाहा
रायपुर, आंचलिक न्यूज। छत्तीसगढ़ में ग्राम पंचायत सचिवों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से ग्रामीण प्रशासन और विकास कार्यों पर गंभीर असर पड़ा है। पंचायतों में आवश्यक सेवाएं ठप हो गई हैं, जिससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस स्थिति को देखते हुए पंचायत संचालनालय, छत्तीसगढ़ ने कड़ा रुख अपनाया है और हड़ताली सचिवों को 24 घंटे के भीतर काम पर लौटने का सख्त निर्देश दिया है। आदेश का पालन न करने वालों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
प्रशासन ने जारी किया सख्त आदेश
पंचायत संचालनालय, छत्तीसगढ़ द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि 17 मार्च 2025 से ग्राम पंचायत सचिव हड़ताल पर हैं, जिससे पंचायत स्तर पर होने वाले कार्य ठप हो गए हैं। शासन द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन बाधित हो गया है, जिससे गरीब और जरूरतमंद लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
आदेश में समस्त जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे हड़ताली सचिवों को तत्काल ड्यूटी जॉइन करने के लिए आदेश जारी करें। यदि 24 घंटे के भीतर आदेश का पालन नहीं किया जाता है, तो नियमों के तहत कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
ग्राम पंचायतों में विकास कार्य ठप, ग्रामीणों को हो रही परेशानी
ग्राम पंचायत सचिवों की हड़ताल के कारण कई महत्वपूर्ण विकास योजनाएं प्रभावित हो रही हैं, जिनमें शामिल हैं:
- प्रधानमंत्री आवास योजना – गरीबों के घर निर्माण में देरी।
- मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) – मजदूरों को रोजगार नहीं मिल पा रहा।
- सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना – वृद्ध, दिव्यांग और विधवा पेंशनधारकों को समय पर सहायता नहीं मिल रही।
- खाद्यान्न वितरण योजना – राशन दुकानों पर आपूर्ति बाधित, गरीब परिवारों को अनाज मिलने में दिक्कत।
- ग्राम विकास योजनाएं – स्वच्छता, जल संरक्षण और बुनियादी ढांचे से जुड़ी परियोजनाएं रुकीं।
सरकार का सख्त रुख – जल्द लें निर्णय, वरना होगी कार्रवाई
राज्य सरकार इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए हड़ताल खत्म करने की अपील कर चुकी है। लेकिन सचिवों के अड़े रहने के कारण अब सरकार सख्त कदम उठाने के मूड में है। पंचायत संचालनालय ने साफ कर दिया है कि यदि सचिव 24 घंटे के भीतर काम पर नहीं लौटते हैं, तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहते हैं अधिकारी?
पंचायत संचालनालय के संचालक प्रियंका महोबिया द्वारा हस्ताक्षरित आदेश में यह निर्देश दिया गया है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी अपने स्तर से तुरंत आदेश जारी करें। आदेश की अवहेलना करने वाले सचिवों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, राज्य के सभी कलेक्टरों और पंचायत उप संचालकों को भी इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं कि वे हड़ताल समाप्त करने के लिए ठोस कदम उठाएं और सचिवों को शीघ्र कार्य पर लौटने के लिए बाध्य करें।
क्या होगा आगे?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पंचायत सचिव सरकार की चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेते हैं। क्या वे 24 घंटे के भीतर काम पर लौटेंगे, या फिर सरकार को कड़े फैसले लेने पर मजबूर होना पड़ेगा?
ग्राम पंचायत सचिवों की हड़ताल से प्रदेशभर में प्रशासनिक अव्यवस्था उत्पन्न हो गई है। सरकार ने अब सख्ती दिखाते हुए उन्हें अंतिम चेतावनी दे दी है। अगर सचिव जल्द हड़ताल समाप्त नहीं करते, तो उनके खिलाफ निलंबन सहित अन्य अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
प्रदेशभर के ग्रामीण इस स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही पंचायतों में सुचारू रूप से कार्य शुरू हो सकेगा।
देखें आदेश..