प्रतापपुर में स्वच्छता अभियान की उड़ती धज्जियां, सुलभ शौचालय बना भ्रष्टाचार का अड्डा, लाखों की मरम्मत के बावजूद ताले में बंद शौचालय, नगर पंचायत पर उठे गंभीर सवाल..


प्रतापपुर में स्वच्छता अभियान की उड़ती धज्जियां, सुलभ शौचालय बना भ्रष्टाचार का अड्डा, लाखों की मरम्मत के बावजूद ताले में बंद शौचालय, नगर पंचायत पर उठे गंभीर सवाल..

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अविनाश कुशवाहा

प्रतापपुर, आंचलिक न्यूज। नगर पंचायत प्रतापपुर में स्वच्छता अभियान की धज्जियां खुलेआम उड़ाई जा रही हैं। शहर में जनता की सुविधा के लिए बनाए गए सुलभ शौचालय वर्षों से ताले में बंद हैं, लेकिन रिकॉर्ड में उन पर लाखों रुपये खर्च होने की बात दर्ज है। नगरवासियों का आक्रोश अब फूटने लगा है। जगह-जगह गंदगी और दुर्गंध से जनजीवन प्रभावित है, वहीं नगर पंचायत पर भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के गंभीर आरोप लग रहे हैं।

लाखों की मरम्मत, शौचालय फिर भी बदहाल

बस स्टैंड स्थित सुलभ शौचालय नगर पंचायत के भ्रष्टाचार की बानगी पेश करता है। कभी 5 लाख तो कभी 10 लाख की मरम्मत दिखाकर मोटी रकम हजम कर ली गई, लेकिन स्थिति आज भी जस की तस है। शौचालय ताले में बंद पड़ा है और आमजन को खुले में शौच और पेशाब की मजबूरी है।

शहर के हृदयस्थल में स्थित शिक्षा विभाग कार्यालय के पास का शौचालय भी बदहाल है। यहां लोग विभाग की दीवारों, स्टेडियम ग्राउंड और अन्य स्थानों पर लाचार होकर शौच के लिए जाते हैं। प्रशासन की उदासीनता के चलते स्वच्छता केवल कागजों और फोटोशूट तक सिमट गई है।

स्वच्छता सर्वेक्षण बना दिखावा

नगर पंचायत में जब भी स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम आने वाली होती है, तब अस्थाई सफाई अभियान, डस्टबिन और सूचना बोर्ड लगाए जाते हैं। टीम के जाने के बाद सबकुछ पुराने हाल में लौट आता है। इससे साफ है कि स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर केवल दिखावा और भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है।

गर्मी शुरू, नालियां बजबजाईं, बीमारियों का खतरा

गर्मी की शुरुआत के साथ ही नगर की नालियां बजबजाने लगी हैं। कई जगहों पर नालियों के ढक्कन टूट चुके हैं, जिससे दुर्घटनाओं और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। लाखों के मरम्मत कार्य के बावजूद जमीनी हालात बेहद खराब हैं। लोगों को दुर्गंध के बीच जीना पड़ रहा है।

नगर पंचायत बना भ्रष्टाचार और दलाली का केंद्र

स्थानीय लोग नगर पंचायत को भ्रष्टाचार का अड्डा बता रहे हैं। उनका कहना है कि जनप्रतिनिधि और अधिकारी केवल कमीशन और दलाली में लगे हुए हैं। आमजन की सुविधाएं, विकास और साफ-सफाई पूरी तरह उपेक्षित हैं। अगर निष्पक्ष जांच हो, तो यह नगर पंचायत का सबसे बड़ा घोटाला साबित हो सकता है।

CMO का जवाब—"नया शौचालय बनेगा, पुराने की जांच करूंगी"

इस पूरे मामले पर नगर पंचायत की मुख्य नगर पालिका अधिकारी (CMO) यूसी फ्रीया एक्का ने कहा कि – “लंबे समय से नए शौचालय की मांग थी, जिसे जल्दी पूरा किया जाएगा। जहां तक पुराने शौचालय का सवाल है, उसकी जानकारी लेकर जांच करूंगी।”

जनता का धैर्य जवाब देने की कगार पर

नगरवासियों का कहना है कि अब शिकायतों का कोई असर नहीं होता। अगर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो वे सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। लोगों की मांग है कि मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों को जेल भेजा जाए।


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