पिता पुत्र का आपत्तिजनक वीडियो बनाकर वायरल करने वाला आरोपी को विश्रामपुर पुलिस ने बिहार प्रांत से किया गिरफ्तार, ब्लैकमेल कर आरोपी डेढ़ लाख रुपए का कर रहा था मांग..


पिता पुत्र का आपत्तिजनक वीडियो बनाकर वायरल करने वाला आरोपी को विश्रामपुर पुलिस ने बिहार प्रांत से किया गिरफ्तार, ब्लैकमेल कर आरोपी डेढ़ लाख रुपए का कर रहा था मांग..

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गोपाल सिंह विद्रोही 
बिश्रामपुर, आंचलिक न्यूज। पिता पुत्र का फोटो से किसी महिला के साथ आपत्तिजनक वीडियो बनाकर वायरल करने वाला आरोपी को 1 वर्ष के बाद विश्रामपुर पुलिस ने बिहार प्रांत से धर दबोचा ।

 जानकारी के अनुसार आरोपी संतोष कुमार आत्मज विपिन राम निवासी दीनूपुर जिला लखीसराय बिहार ने  विश्रामपुर रेलवे स्टेशन निवासी सुभाष अग्रहरि  एवं उसका पुत्र प्रतीक अग्रहरी  का फोटो से वीडियो बनाकर वायरल करने की धमकी देते हुए पिता पुत्र को धमकाया कि आप डेढ़ लाख रुपए दीजिए अन्यथा आप दोनों का आपत्तिजनक स्थिति वाला वीडियो वायरल कर देंगे। पिता पुत्र द्वारा आरोपी को पैसा न दिए जाने पर उसने 1 अगस्त 2022 को आपत्तिजनक वीडियो वायरल कर दी ।पिता पुत्र ने इसकी शिकायत विश्रामपुर थाने में दी। विश्रामपुर पुलिस ने आरोपी को उसके गृह ग्राम बिहार जाकर धर दबोचा। आरोपी के खिलाफ विश्रामपुर पुलिस ने 387, 507 ,आई टी कि धारा 67  के तहत कार्रवाई कर उसे न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया । आरोपी का कहना है कि हमने किसी प्रकार से किसी से पैसा की मांग नहीं की और ना ही वीडियो वायरल किया है।आरोपी को पकड़ने में थाना प्रभारी अलरिक लकड़ा के मार्गदर्शन में एवं उप निरीक्षक  एस आर भगत के मार्गदर्शन में प्रधान आरक्षक अविनाश सिंह, निक्कू पांडे, दीपक सिंह का महत्वपूर्ण योगदान था।


ऐसे मामले निपटाने में आर्थिक  मद न होना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती 

यहां बताना आवश्यक है कि ऐसे मामले में दूर प्रदेश का आरोपी को पकड़ने के लिए दूरी अधिक होने के कारण कोई भी थाना प्रभारी रुचि नहीं दिखता है इसका मुख्य कारण है कि थाना के पास आर्थिक मद न  होना। जिस  कारण से ऐसे मामले को खटाई में डाल दिया जाता  है। लंबी दूरी होने के कारण डीजल पेट्रोल  सहित आने जाने का खर्च पुलिस को स्वयं उठना पड़ता है। ऐसे मामले जब प्रकाश में आते हैं तो प्रार्थी यदि  आर्थिक रूप से आने-जाने की व्यवस्था करता है तब जाकर कोई पुलिस कर्मी अपनी अभिरुचि दिखती है अन्यथा ऐसे मामले के फाइल धूल चाटती है। पुलिस विभाग को चाहिए कि ऐसे मामलों के लिए कोई अतिरिक्त मद  हो तो उसका उपयोग करें यदि नहीं हो तो प्रदेश सरकार को इस ओर ध्यान आकर्षित करें ताकि ऐसे मामले को जल्द से जल्द निपटाया जा सके।

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