अविनाश कुशवाहा
प्रतापपुर, आंचलिक न्यूज। राजश्व पटवारी द्वारा महिलाओं से पैसा उगाही के बाद भी उनका काम न करने का मामला प्रकाश में आया है। ग्राम पंचायत बोंगा की दो महिलाओं ने पटवारी के ऊपर 45 हजार रुपए लेकर काम न करने को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन में उन्होंने बताया है कि ग्राम पंचायत बोंगा निवासी श्यामपती गोंड़ पति भगवान दास व फुलपति गोंड़ पति महेन्द्र की ग्राम बोंगा में जो खुद के स्वामित्व की भूमि है उसी से लगी हुई 50 डिसमिल शासकीय भूमि भी है। उक्त शासकीय भूमि को वर्षों पहले महिलाओं के पूर्वजों के द्वारा श्रम,धन खर्च कर कृषि योग्य भूमि बनाया गया था जिनके मृत्यु के बादः उक्त भूमि पर निरन्तर आवेदिकागण के द्वारा काबिज कास्त करते हुये खेती किया जा रहा है तथा इस वर्ष उक्त भूमि पर आवेदिकागण के द्वारा सरसो एवं गेहु का फसल लगाया गया है।
वर्तमान हल्का पटवारी रनधीर पटेल के द्वारा आवेदिकागण से कब्जा दर्ज करने के नाम पर 45000रु माग किया गया था जिसे आवेदिकागण के द्वारा 45000रु हल्का पटवारी को दिया गया था।
हल्का पटवारी के द्वारा राम किशुन पण्डो के साथ अवैध तरिके से मेल मिलाप कर हमसे 45000 रु प्राप्त कर झुठा एवं घर बैठे पंचनामा बनाकर बिना जाँच प्रतिवेदन के राम किशुन पण्डो का उक्त भूमि के 50 डिसमिल पर कब्जाधारी होना बताते हुये प्रतिवेदन पेश किया गया है।
हल्का पटवारी के उपरोक्त कृत्य के कारण राम किशुन पण्डो उक्त भूमि पर नीव खोदाई कर मकान निर्माण कार्य किया जा रहा है जिस कारण गाँव में शांति भंग होने की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
हल्का पटवारी के द्वारा फर्जी रूप से उक्त भूमि पर राम किशन पण्डो का कब्जा होना दर्ज किया गया है जबकि उक्त भूमि पर राम किशुन पण्डो का कभी भी किसी प्रकार से कोई कब्जा नही है।
पीड़ित महिलाओं ने प्रतापपुर विधायक को भी समस्या से कराया अवगत
बोंगा के पीड़ित महिलाओं ने प्रतापपुर विधायक शकुंतला सिंह पोर्ते को भी उनके गोविंदपुर प्रवास के दौरान एक शिकायत आवेदन देकर पटवारी रणधीर पटेल के ऊपर सख्त कार्रवाई करने व उनके द्वारा लिए गए रुपए वापस दिलाने की मांग की गई है।
ज्ञात हो पटवारी का भराशाही और शासकीय भूमि पर कब्जा दिलाने के नाम से यह कोई नया मामला क्षेत्र का नहीं है पूरा प्रतापपुर विकासखंड में जमीन का खूब फर्जीवाड़ा दिलाने के नाम से लाखों रुपए की लेनदेन क्षेत्र में की जा रही है और शासकीय भूमिका कब्जा चढ़ा दिया जा रहा है जहां शासन प्रशासन की मिली भगत से यह गोरख धंधा क्षेत्र में चल रहा है वही अधिकारी को मोटी रकम मिलने के बाद में ईश और ध्यान नहीं देते हैं।