प्रस्तुतकर्ता: नरेंद्र मिश्रा आंचलिक
न्यूज जिला (बलरामपुर)।
होली है भई होली है
बुरा न मानों होली है।।
रंगो के बीच खिल उठेगा
छुट पडेगा हंसी का फव्वारा ।
होली के रंग परिवार संग
लाल पीले दोस्तो के चेहरे प्यारा ।।
थोडी मस्ती थोडी शरारत
बचपन को फिर जी लो ।
होली का मजा दुगना हो जायेगा
गम के आंधियो को हवा मे उडा लो।।
स्वादिष्ट पकवान की खुशबुए
बढ़ती त्यौहार की मीठास ।
थाली मे भरे इंद्रधनुषी रंग
खुशियो का फैला वितान ।।
मानसिक स्वास्थ्य बेहतर के लिए
होली खेलना अच्छा है ।
आंतरिक चमक खुशी देता
त्यौहारो के रंग मे रंगना अच्छा है ।।
एक रंग प्रकृति का लो
छोड आपस रंजिश भावना ।
आपाधापी जिंदगी मे दो पल
फुलो खुशबुए सी रिश्ते महकाना ।।
विविधता का आनन्द ले
संस्कृतियो को आगे बढाएं ।
पुराने मनोवृत्तियो का करे दहन
आओ सब मिल होली मनाएं ।।
कवयित्री - सम्पति चौरे