यूनेस्को ने रामचरितमानस महाकाव्य को विश्व धरोहर में शामिल किया है यह करोड़ों धर्मावलंबियों के लिए वरदान से कम नहीं.. कविता


यूनेस्को ने रामचरितमानस महाकाव्य को विश्व धरोहर में शामिल किया है यह करोड़ों धर्मावलंबियों के लिए वरदान से कम नहीं.. कविता

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प्रस्तुतकर्ता: चंद्रिका कुशवाहा

          सरोवर बना धरोहर..     

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जय राम जय सियाराम। 

              तुलसी के है राजाराम।।

अखिल ब्रह्मांड के भूषण है। 

             सूरगण सेवित आभूषण है।।

मानस सुधा सम पावन है।

             सदचरित्र का वो सावन है।।

चतुर्थ संवाद के पोषक है।

             मानस रोग के शोषक है।।

शिव शिव से प्रभु राम है। 

             राम मे ही अभिराम है।।

सूत्रधार नटराज है। 

             मानस की आवाज है।।

हनु रूप मे रक्षक है। 

             निशाचर का वो भक्षक है।।

भक्ति सहित जो गाते हैं।

            राम ह्रदय मे समाते हैं।।

दीन दुखी को तारे हैं।

            साधु संत को संवारे हैं।।

मानस सरोवर स्नान करें। 

           भवबंधन से फिर काहे डरे।।

अद्भुत अनुपम है उपहार।

           राम अंकित से है सार।।

चारों दिशा में गूंज है।

           मानस अवध का कुंज है।।

विश्वनाथ का अनुमोदन है। 

          सत्यम शिवम का मोहन है।।


प्रो० डीपी कोरी

     प्राचार्य 

शासकीय महाविद्यालय बिश्रामपुर।।

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