ब्यूरो सूरजपुर,
आंचलिक न्यूज.com। जिले के प्रतापपुर विकासखंड अंतर्गत आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्या. दवनकरा के निलंबित प्रबंधक द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर ग्राम पंचायत सचिव पर जबरन दबाव देकर पिछले दिनांक में प्रस्ताव पारित कराने आरोप लगाया है तथा इस मामले की शिकायत पंचायत सचिव द्वारा थाने में दर्ज करायी गयी है।
ग्राम पंचायत दवनकरा के सचिव रामगोपाल सिंह ने पुलिस को बताया कि गत 23 जुलाई को रात लगभग 8 बजे ग्राम दवनकरा के सूरजप्रसाद मांझी, उमेश मांझी नाविक (उप सरपंच) तथा संतोष नाविक आ.जा.सेवा सहकारी समिति मर्या. दवनकरा के प्रबंधक व अन्य 3 लोग एक चारपहिया वाहन में उसके घर पहुंचे जहां से प्रस्ताव पंजी लेकर सरपंच के यहां चलने के लिये कहा। सरपंच के घर पहुंचने पर वहां ग्रामसभा अध्यक्ष फूलसाय से भेंट हुई जिसके बाद सभी ने मिलकर उसपर दबाव देते हुए अपने कहे अनुसार ग्रामसभा पंजी में पूर्व में हुए ग्रामसभा बैठक 29.06.2024 के तारीख में दवनकरा के शासकीय भूमि पर सर्वसम्मति से खेती करने हेतु प्रस्ताव पारित कराने के संबंध में लिखवाया जिसमें उपसरपंच उमेश कुमार नाविक ने खेती करने हेतु दिये जाने की बात तथा उक्त खेती से प्राप्त होने वाले लाभ को पंचायत निधि खाता में जमा करने की बात लिखवायी। इसके पश्चात दूसरे प्रस्ताव में प्राथमिक शाल बरपारा से टटेंगा झरिका मोड़ तक मिट्टी मुरूम सड़क निर्माण करने के संबंध में प्रस्ताव भी उसी तिथि में लिखवाया जिसप फूलसाय ने हस्ताक्षर किया।
पंचायत सचिव के अनुसार उसी रात वे लोग उसे आदिम जाति सेवा सहकारी समिति दवनकरा ले गये जहां से जबरन दबाव देकर लिखवाये गये पंजी पर हस्ताक्षर कराया तथा उपसरपंच द्वारा भी हस्ताक्षर कर अपना सील लगाया इसके बाद सभी ने मिलकर पंचायत सचिव को वापस घर पहुंचा दिया। थाना प्रभारी को दिये गये आवेदन में पंचायत सचिव रामगोपाल सिंह ने दबाव में आकर पूरे प्रस्ताव को लिखने की बात कही है तथा इसे शून्य मानते हुए आरोपियो ंपर कार्यवाही किये जाने का अनुरोध किया है।
निरीक्षण में नहीं मिला रजिस्टर..
आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के प्राधिकृत अधिकारी द्वारा गत 2 अक्टूबर को आदिम जाति सेवा सहकारी समिति दवनकरा में किये गये निरीक्षण में कार्यवाही से संबंधित रजिस्टर नहीं मिला। जब उनके द्वारा अन्य लोगों से जानकारी ली गयी तो पता चला कि प्रभारी समिति प्रबंधक संतोष नाविक द्वारा रजिस्टर अपने पास रखा गया है। जिसे वापस दिलाये जाने की मांग प्राधिकृत अधिकारी द्वारा थाना प्रभारी चंदौरा से की गयी है।