कुशवाहा समाज का भव्य आयोजन: संभाग स्तरीय कुश जयंती समारोह की तैयारी पूर्ण, कल साधुराम सेवा कुंज में पूरे दिन आयोजित होंगे विभिन्न कार्यक्रम..


कुशवाहा समाज का भव्य आयोजन: संभाग स्तरीय कुश जयंती समारोह की तैयारी पूर्ण, कल साधुराम सेवा कुंज में पूरे दिन आयोजित होंगे विभिन्न कार्यक्रम..

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सुरजपुर, आंचलिक न्यूज। कुशवाहा युवा एकता सेवा कल्याण मंच के तत्वावधान में कल 25 अगस्त को हीरालाल साधु राम सेवा कुंज सुरजपुर में संभाग स्तरीय भगवान कुश जयंती उत्सव का भव्य आयोजन कुशवाहा युवा एकता सेवा कल्याण मंच के द्वारा किया जा रहा है। समारोह में समाज के प्रतिभावान छात्रों, उद्यमी, समाजसेवी, विकलांग, कलाकार, पत्रकार एवं समाज के गौरवन्वित करने वाले लोगो को सम्मानित किया जायेगा। साथ ही विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

लव कुश जयंती को लेकर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा इस तरह है..

पूजा- समय सुबह 10 बजे से 11.30 बजे तक।परिचय एवं स्वागतः समय 11.30 बजे से 01.00 बजे तक। प्रतियोगिता - समय 01.00 बजे से 03.30 बजे तक। प्रतियोगिता विवरण- रंगोली, मेहंदी, खो-खो, चित्रकला, कुर्सी दौड (बच्चे एवं महिलाओं के लिए)।पुरस्कार वितरण- समय शाम 04.30 बजे से 06.00 बजे तक। भोजन- समय शाम 06.00 बजे से।

श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम का प्रतीक माना जाता है। लव और कुश भगवान राम और माता सीता के ही जुड़वां बच्चे थे। रामायण में इनका उल्लेख किया गया है साथ ही यह भी बताया गया है कि ये दोनों बाल रूप से ही कितने तेजस्वी थे। उत्तर भारत में श्रावण पूर्णिमा के दिन लव-कुश जयंती मनाई जाती है।

क्यों मनाई जाती है लव-कुश जयंती- 

भगवान श्रीराम के सुपुत्र लव और कुश के जन्म की खुशी में भारत वर्ष में लव- कुश जयंती मनाई जाती है। उत्तर भारत के कुशवाहा समुदाय का यह मानना है कि श्रावण पूर्णिमा के दिन उनके पूर्वज लव और कुश का जन्म हुआ था। कुशवाहा समाज लव और कुश का जन्मोत्सव मनाकर गौरवान्वित होते हैं। इसलिए वो यह त्योहार धूमधाम से मनाते हैं। लव-कुश की कहानी रामचरितमानस या रामायण के उत्तरकांड में मिलती है। उत्तरकांड में लव और कुश द्वारा अपने माता-पिता को मिलाने की बहुत ही मार्मिक कथा का वर्णन है। जिसमें राम के अयोध्या लौटने के बाद और सीता की अग्नि परीक्षा की कहानी का वर्णन है।

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