सम्भागीय ब्यूरो
अंबिकापुर, आंचलिक न्यूज। विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग महाविद्यालय में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य महिला सशक्तिकरण, किशोर सशक्तिकरण एवं बाल मुक्त सरगुजा के प्रति जागरूकता फैलाना था। कार्यक्रम का आयोजन जिला कार्यक्रम अधिकारी के मार्गदर्शन में और प्राचार्य डॉ. रामनारायण खरे की अनुमति से किया गया। इसमें प्राध्यापिका पूनम दीवान का विशेष सहयोग रहा।
कार्यशाला में विभिन्न विशेषज्ञों ने भाग लिया, जिनमें मुख्य वक्ता ममता चौहान (जिला समन्वयक, यूनिसेफ), डॉ. डी. के. सोनी (आरटीआई विशेषज्ञ), वरिष्ठ अधिवक्ता सुनीता भारद्वाज (महिला थाना प्रभारी, अंबिकापुर), और अजीत मिश्रा (साइबर सेल, अंबिकापुर) प्रमुख थे।
कार्यशाला के मुख्य विषय
कार्यशाला में विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा और जानकारी साझा की गई:
1. आरटीआई पर विस्तृत जानकारी – डॉ. डी. के. सोनी ने आरटीआई कानून, इसके उपयोग, और नागरिकों के अधिकारों पर प्रकाश डाला।
2. किशोर सशक्तिकरण – किशोरावस्था में स्वच्छता, मानसिक और शारीरिक विकास पर ममता चौहान ने जानकारी दी।
3. बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान – बाल विवाह की समाप्ति के लिए चलाए जा रहे प्रयासों पर चर्चा की गई। बताया गया कि 10 मार्च 2024 को माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा यह अभियान शुरू किया गया था और 2028 तक बाल विवाह को शून्य करने का लक्ष्य है।
4. बाल विवाह के प्रभाव – पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से बाल विवाह के कारण, प्रभाव, और रोकथाम के उपाय समझाए गए। इसके दुष्परिणाम जैसे शारीरिक और मानसिक अपरिपक्वता, कुपोषण, बीमारी, और गरीबी पर चर्चा की गई।
5. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ – इस अभियान की आवश्यकता और इससे जुड़े प्रयासों पर विस्तार से जानकारी दी गई।
6. महिला सशक्तिकरण – महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर चर्चा की गई।
7. नवीन कानून – नए बनाए गए कानूनों के बारे में बताया गया, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से लागू किए गए हैं।
8. साइबर सुरक्षा – अजीत मिश्रा ने साइबर अपराधों से बचाव और सुरक्षित डिजिटल व्यवहार के उपायों पर जानकारी दी।
9. स्पॉन्सरशिप योजना – बच्चों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में बताया गया।
10. पॉक्सो एक्ट – बाल यौन अपराधों से संरक्षण के लिए बने कानूनों पर प्रकाश डाला गया।
11. बाल संरक्षण और अधिकार – बच्चों के अधिकारों और उन्हें सुरक्षित रखने के उपायों पर चर्चा की गई।
कार्यशाला में सहभागिता
कार्यशाला में प्राचार्य, प्राध्यापक, प्राध्यापिकाओं सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। इस दौरान वक्ताओं ने प्रतिभागियों के सवालों के उत्तर दिए और जागरूकता फैलाने पर जोर दिया।
कार्यशाला के आयोजन को उपस्थित जनों ने अत्यधिक सराहा। इस कार्यक्रम ने महिला और किशोर सशक्तिकरण के साथ-साथ बाल अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।