ब्यूरो रिपोर्ट
सूरजपुर, आंचलिक न्यूज। पुलिस महकमे का काम चुनौतियों से भरा होता है। अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई और जनता की सुरक्षा के साथ-साथ राजनीतिक दबाव व सफेदपोश अपराधियों से निपटना किसी भी अधिकारी के लिए बड़ी जिम्मेदारी है। ऐसे में अगर नेतृत्व मजबूत इच्छाशक्ति से भरपूर हो, तो पुलिस की छवि और अपराधियों में डर दोनों को मजबूती मिल सकती है। सूरजपुर के नए पुलिस कप्तान प्रशांत ठाकुर इसी दिशा में काम कर रहे हैं।
चुनौतीपूर्ण पृष्ठभूमि
19 अक्टूबर को हुई एक हृदयविदारक घटना में प्रधान आरक्षक की पत्नी और पुत्री की हत्या, एक आरक्षक पर गर्म तेल डालने की वारदात, और पुलिसकर्मियों पर वाहन चढ़ाने की कोशिश ने जिले में पुलिस की छवि को बुरी तरह प्रभावित किया था। आम जनता का भरोसा टूट चुका था और अपराधियों का हौसला बुलंद था।
ऐसे मुश्किल समय में 1996 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रशांत ठाकुर को जिले का नेतृत्व सौंपा गया। कप्तान का पदभार संभालते ही उन्होंने जिले में पुलिस की छवि सुधारने और कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए ठोस कदम उठाए।
प्रशांत ठाकुर की प्राथमिकता: पुलिस की छवि और अपराध पर लगाम
विजुअल पुलिसिंग और पेट्रोलिंग
कप्तान प्रशांत ठाकुर ने शहर और ग्रामीण इलाकों में पुलिस की मौजूदगी को सुनिश्चित करने के लिए विजुअल पुलिसिंग की शुरुआत की। आम जनता में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ाने के लिए वे स्वयं सड़कों पर उतरे और शहर के कई इलाकों में गश्त की।
मातहतों को सख्त निर्देश
प्रशांत ठाकुर ने स्पष्ट कर दिया कि गश्त में लापरवाही, फरियादियों से दुर्व्यवहार और बिना अनुमति मुख्यालय से गैरहाजिर रहने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। समन्स तामील में देरी को लेकर भी उन्होंने मातहतों को चेतावनी दी और समय पर काम निपटाने का निर्देश दिया।
थानों का निरीक्षण
जिले के बिहारपुर, ओड़गी, प्रतापपुर, प्रेमनगर, लटोरी और विश्रामपुर थानों का औचक निरीक्षण करते हुए प्रशांत ठाकुर ने देर रात तक ड्यूटी पर मौजूद रहने और गश्त में कोई ढिलाई न होने का संदेश दिया।
नशे के कारोबार पर शिकंजा
जिले में नशे के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए भी कप्तान प्रशांत ठाकुर ने सक्रियता दिखाई। बसदेई पुलिस ने एक गांजा विक्रेता को गिरफ्तार करने के साथ उसके समर्थन तंत्र पर भी कार्रवाई की। साथ ही, नशीली दवाओं के अवैध कारोबार में शामिल लोगों पर भी शिकंजा कसा जा रहा है।
कबाड़ के धंधे पर रोक
जिले में कबाड़ के अवैध धंधे पर पूर्ण विराम लगाने के लिए कप्तान ने सख्त कदम उठाए। मातहत अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया गया कि इस कारोबार में लिप्त लोगों को चेतावनी दी जाए और किसी भी अवैध गतिविधि को बर्दाश्त न किया जाए।
संवेदनशील मामलों का त्वरित निपटारा
संवेदनशील आपराधिक मामलों में देरी को अपराधियों का मनोबल बढ़ाने वाला करार देते हुए प्रशांत ठाकुर ने आदेश दिए हैं कि ऐसे मामलों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाए।
कप्तान की कार्यशैली
प्रशांत ठाकुर का मानना है कि अच्छा काम खुद ही जनता तक अपनी छाप छोड़ता है। उनके नेतृत्व में पुलिस महकमे ने अपनी छवि सुधारने और जनता का भरोसा जीतने की दिशा में मजबूत कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा, “जब हम अच्छा काम करेंगे, तो जनता का विश्वास स्वतः ही लौटेगा।"
भविष्य की उम्मीदें
अभी प्रशांत ठाकुर को जिले का नेतृत्व संभाले केवल एक महीना हुआ है, लेकिन उनके शुरुआती प्रयासों ने जिले में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जगा दी है। पुलिसकर्मियों में अनुशासन बढ़ा है, और आम जनता भी यह महसूस कर रही है कि पुलिस अपराधियों पर सख्ती दिखाने के लिए प्रतिबद्ध है।
यदि प्रशांत ठाकुर के ये प्रयास जारी रहे, तो आने वाले समय में सूरजपुर में कानून-व्यवस्था का हाल और बेहतर होगा और पुलिस का इकबाल फिर से बुलंद होगा।