ब्यूरो रिपोर्ट
प्रतापपुर, आंचलिक न्यूज – किसानों की बढ़ती समस्याओं और राजस्व विभाग की कथित अनियमितताओं के खिलाफ आज सुबह 11 बजे से उप तहसील डांड़करवां में घेराव और धरना प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में किसानों, युवाओं और ग्रामवासियों के शामिल होने की संभावना है।
क्या हैं किसानों की मुख्य समस्याएं?
किसानों का आरोप है कि पटवारियों और राजस्व विभाग द्वारा खेतों का निरीक्षण किए बिना धान की रकबा कटौती कर दी गई है। कई किसानों के खेतों का सत्यापन बिना स्थल पर गए ही कर लिया गया, जिससे बड़ी संख्या में किसानों को अपने धान बेचने का मौका नहीं मिल रहा। किसानों का कहना है कि उन्हें गिरदावली के सही आंकड़े उपलब्ध नहीं कराए गए हैं, और यह प्रशासनिक लापरवाही उनकी आजीविका पर भारी पड़ रही है।
अन्य प्रमुख समस्याएं:
1. फौती और नामांतरण की समस्याएं: किसानों का आरोप है कि पिता की जमीन को पुत्र के नाम पर स्थानांतरित करने की प्रक्रिया में बार-बार चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
2. आपसी बंटवारे में देरी: परिवारों के बीच जमीन के आपसी बंटवारे के मामलों को लंबित रखा जा रहा है।
3. पानी और बिजली से जुड़ी समस्याएं: खेतों में पानी से हुई क्षति का मुआवजा अब तक नहीं मिला है। वहीं, बिजली बिलों का भुगतान समय पर नहीं हो पा रहा।
4. अधिकारियों की अनुपस्थिति: तहसील और राजस्व विभाग के अधिकारी अक्सर मुख्यालय में अनुपस्थित रहते हैं, जिससे ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान समय पर नहीं हो पाता।
धरना प्रदर्शन की अपील
इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे आदिवासी प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष शिवभजन सिंह मरावी ने किसानों और ग्रामवासियों से अपील की है कि वे अपने अधिकारों की रक्षा के लिए इस प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। उनका कहना है कि यह आंदोलन राजस्व विभाग और शासन को किसानों की समस्याओं के प्रति जागरूक करने का प्रयास है।
घोषित मांगें:
1. धान के रकबा की सही गिरदावली की जाए।
2. फौती और नामांतरण की प्रक्रिया को सरल और तेज बनाया जाए।
3. समर्थन मूल्य में उचित बढ़ोतरी लागू की जाए।
4. क्षतिपूर्ति और लंबित बिजली बिलों के निपटान में पारदर्शिता लाई जाए।
प्रभावित गांवों की भागीदारी
प्रदर्शन में भेलकच, धूरिया, रमकोला, बरपटीया, बटई, सोनाड़ीहा, रामपुर, लेलकंड समेत दर्जनों गांवों के किसानों के शामिल होने की संभावना है।
क्या कहता है प्रशासन?
राजस्व विभाग ने अब तक इस मामले पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है। लेकिन अधिकारियों का कहना है कि वे किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेकर उचित कार्रवाई करेंगे।
किसानों की हुंकार
प्रदर्शन के दौरान किसानों द्वारा प्रमुख नारे लगाए जाएंगे:
"राजस्व विभाग होश में आओ!"
"फौती और नामांतरण में मनमानी बंद करो!"
"किसानों का रकबा कटौती बंद करो!"
संभावित असर
इस प्रदर्शन के चलते प्रशासन पर दबाव बढ़ने की संभावना है। यह आंदोलन किसानों की समस्याओं को उजागर करने और उनके समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।