नरेंद्र मिश्रा - बलरामपुर
आंचलिक न्यूज – बलरामपुर वन मंडल के मुरका गाँव में एक जंगली हाथी की करंट लगने से हुई मृत्यु का मामला सामने आया है। वन विभाग ने जांच में पाया कि खेत के किनारे हाई-वोल्टेज बिजली तार में जानबूझकर करंट लगाया गया था, जिसकी चपेट में आने से नर हाथी की मौत हो गई। इस मामले में आरोपी रामबक्स गोड़, पिता बाबूलाल गोड़, को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है।
हाथियों का दल कर रहा था विचरण, एक हाथी हुआ अलग
11 नवंबर 2024 को बलरामपुर वन परिक्षेत्र के मुरका गाँव के कक्ष क्रमांक पी-3492 में जंगली हाथियों का दल विचरण कर रहा था। वन विभाग की टीम इस दल पर नजर बनाए हुए थी। रात के लगभग 1 बजे जानकारी मिली कि हाथियों के दल से एक हाथी बिछड़ गया है। वन मंडल अधिकारी अशोक तिवारी के निर्देश पर टीम ने हाथी की तलाश शुरू की और सुबह करीब 7 बजे वह धान के खेत के पास मृत पाया गया।
करंट लगने से हुई हाथी की मौत, फसल सुरक्षा के नाम पर जाल
प्रारंभिक जांच में यह पाया गया कि खेत के किनारे बिजली के तार में करंट दौड़ाने के लिए एक कलच वायर लगाया गया था। आरोपी रामबक्स गोड़ ने अपनी फसल को जंगली जानवरों से बचाने के लिए यह जानलेवा जाल बिछाया था, लेकिन उसकी चपेट में आकर दुर्भाग्यवश हाथी की जान चली गई। इस घटना ने वन्यजीव संरक्षण के प्रति लोगों की उदासीनता और वन्यजीवों के प्रति खतरनाक उपायों को उजागर किया है।
वन विभाग ने की तत्काल कार्रवाई
हाथी की मृत्यु की जानकारी मिलते ही वन विभाग के अधिकारियों ने तुरंत आरोपी की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। इस घटना के बाद से ग्रामीणों में भी हाथियों के प्रति संवेदनशीलता और जागरूकता बढ़ाने की मांग उठ रही है।
पोस्टमार्टम और अंतिम संस्कार
वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, जिसमें सीसीएफ सरगुजा माथेश्वरण बी., सीएफ वन्यप्राणी के.आर. बढ़ई, उप निदेशक एलिफेंट रिज़र्व श्रीनिवास तनेटी, डीएफओ अशोक तिवारी, और अन्य अधिकारी-कर्मचारी शामिल थे, की मौजूदगी में पशु चिकित्सकों की टीम ने मृत हाथी का पोस्टमार्टम किया। इसके बाद हाथी का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
वन्यजीव संरक्षण के लिए प्रशासन की पहल
प्रकरण में एसडीओ अनिल सिंह, एसडीओ संतोष पांडेय, बलरामपुर रेंजर निखिल सक्सेना, ज्वाला पांडेय, अनिल कुजूर, प्रमोद लकड़ा, विजय सिंह, दयाशंकर सिंह, सरेन्द्र ओइके, शिवशंकर सिंह, सिकंदर केरकट्टा, राजेश राम, अजीत कुजूर, देवीलाल, श्री राजनाथ सिंह और अन्य स्टाफ ने सक्रिय भाग लिया। प्रशासन ने हाथी की मौत को गंभीरता से लेते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया है।
हाथियों की सुरक्षा पर उठ रहे सवाल,,,
हाथियों का मानव-जीवन से संघर्ष अब एक गंभीर समस्या बन चुका है। ग्रामीण क्षेत्र में हाथियों की बढ़ती आवाजाही और उनके प्रति लोगों की आक्रामकता के चलते ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि यह न केवल हाथियों के लिए खतरनाक है, बल्कि वन विभाग और वन्यजीव संरक्षण विभाग के लिए भी एक बड़ी चुनौती है।
वन विभाग ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए ऐसे खतरनाक उपायों का सहारा न लें और वन्यजीवों को सुरक्षित रखने में सहयोग करें। वन विभाग इस घटना के बाद क्षेत्र में जनजागरूकता अभियान चलाने की भी योजना बना रहा है, ताकि वन्यजीवों और इंसानों के बीच संघर्ष को कम किया जा सके।
डीएफओ अशोक तिवारी ने यह स्पष्ट किया है कि वन्यजीव संरक्षण नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
गिरफ्तार आरोपी