चंद्रिका कुशवाहा
रायपुर, आंचलिक न्यूज। हर साल 25 दिसंबर को दुनिया भर में मनाया जाने वाला क्रिसमस केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह प्रेम, भाईचारे और सेवा का संदेश देने वाला दिन है। यह पर्व यीशु मसीह के जन्म का उत्सव है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्रिसमस का इतिहास, सांता क्लॉज की परंपरा और क्रिसमस ट्री का महत्व क्या है? आइए, इस खास मौके पर जानते हैं क्रिसमस से जुड़ी 5 अनोखी बातें।
क्रिसमस का पहला उत्सव: चौथी शताब्दी में रोम से हुई शुरुआत
क्रिसमस पहली बार चौथी शताब्दी में रोम में मनाया गया था। यह यीशु मसीह के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया गया। हालांकि बाइबिल में उनके जन्म की तारीख स्पष्ट नहीं है, लेकिन 25 दिसंबर को इस दिन को चुनने का कारण रोमन साम्राज्य के “सोल इन्विक्टस” त्योहार को माना जाता है। यह ईसाई धर्म के इतिहास का वह पल था जब प्रेम, दया और करुणा के संदेश को फैलाने के लिए इस त्योहार को एक नई परंपरा के रूप में स्थापित किया गया।
सांता क्लॉज: सेंट निकोलस की दयालुता की कहानी
सांता क्लॉज का असली नाम सेंट निकोलस था, जो चौथी शताब्दी में तुर्की में रहते थे। वे बच्चों और गरीबों की मदद करने के लिए प्रसिद्ध थे। उनकी उदारता और दयालुता ने उन्हें बच्चों का संरक्षक बना दिया। आधुनिक सांता क्लॉज की छवि लाल रंग के कपड़े और सफेद दाढ़ी वाले व्यक्ति के रूप में उभरी, जो बच्चों के लिए तोहफे लेकर आते हैं। यह परंपरा सदी दर सदी बदलते हुए आज एक प्रमुख सांस्कृतिक प्रतीक बन चुकी है।
मदर मैरी: पवित्रता और करुणा का प्रतीक
मदर मैरी, यीशु मसीह की मां, ईसाई धर्म में पवित्रता की मूर्ति मानी जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि स्वर्गदूत गेब्रियल ने उन्हें संदेश दिया था कि वे भगवान के बेटे को जन्म देंगी। उनकी इस भूमिका ने ईसाई धर्म में नारी शक्ति और सशक्तिकरण को दर्शाया है।
यीशु मसीह: मानवता के उद्धारक
यीशु मसीह, ईसाई धर्म के प्रवर्तक और मानवता के लिए ईश्वर के पुत्र माने जाते हैं। उन्होंने अपने जीवन के माध्यम से प्रेम, क्षमा और सेवा का संदेश दिया। उन्हें क्रूस पर चढ़ाया गया, लेकिन उनके बलिदान को मानव जाति के लिए एक नई शुरुआत और उम्मीद का प्रतीक माना गया।
क्रिसमस ट्री की परंपरा: जर्मनी से हुई शुरुआत
क्रिसमस ट्री की परंपरा 16वीं शताब्दी में जर्मनी से शुरू हुई। लोग अपने घरों में देवदार के पेड़ सजाते थे, जो बुरी आत्माओं को दूर रखने का प्रतीक माने जाते थे। धीरे-धीरे यह परंपरा पूरे यूरोप और फिर दुनिया भर में फैल गई। आज यह क्रिसमस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
क्रिसमस का संदेश: प्रेम, सेवा और भाईचारे का पर्व
क्रिसमस सिर्फ एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह प्रेम, सेवा और भाईचारे का संदेश देने वाला दिन है। यीशु मसीह, मदर मैरी और सांता क्लॉज की कहानियां इस पर्व को और खास बनाती हैं। इसके पीछे छिपे इतिहास और परंपराओं को जानकर न केवल इस त्योहार को गहराई से समझा जा सकता है, बल्कि इसे और भी खास बनाया जा सकता है।
इस क्रिसमस, इन अनोखी जानकारियों को अपने दोस्तों और परिवार के साथ साझा करें और इस त्योहार को एक यादगार अनुभव बनाएं।