चंद्रिका कुशवाहा
सूरजपुर, आंचलिक न्यूज। गायत्री शक्तिपीठ सूरजपुर में तीन दिवसीय नारी जागरण कार्यशाला का शुभारंभ आज हुआ। इस कार्यशाला का उद्देश्य महिलाओं के सामाजिक, मानसिक और आध्यात्मिक सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करना है। कार्यशाला के पहले दिन बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लेकर इस आयोजन को अभूतपूर्व सफलता प्रदान की।
कार्यशाला का उद्घाटन सुबह वैदिक मंत्रोच्चार और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस दौरान गायत्री परिवार के प्रमुख वक्ताओं और अतिथियों ने महिलाओं को उनके अधिकारों, कर्तव्यों और समाज में उनकी भूमिका के महत्व पर प्रकाश डाला।
पहले सत्र में महिलाओं को किया जागरूक
प्रथम दिवस के सत्र में महिला सशक्तिकरण और स्वावलंबन पर चर्चा की गई। वक्ताओं ने महिलाओं को उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने और परिवार से लेकर समाज में अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने का संदेश दिया। इस दौरान कई प्रेरक कहानियां और जीवन उदाहरण साझा किए गए।
प्रमुख वक्ताओं ने रखे विचार
कार्यशाला में प्रमुख वक्ताओं में डॉ. रमा तिवारी, गायत्री परिवार की वरिष्ठ सदस्य सुषमा जोशी, अध्यात्मिक मार्गदर्शक पं. अरविंद शर्मा और सामाजिक कार्यकर्ता शालिनी अग्रवाल शामिल रहीं।
डॉ. रमा तिवारी ने महिलाओं को परिवार और समाज में सामंजस्य बनाए रखते हुए अपने अधिकारों के लिए आगे बढ़ने का आह्वान किया।
सुषमा जोशी ने भारतीय संस्कृति में नारी की महत्ता और उनके योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नारी समाज का आधार है।
पं. अरविंद शर्मा ने कहा कि आध्यात्मिकता से जुड़े रहने से महिलाएं मानसिक रूप से सशक्त हो सकती हैं।
शालिनी अग्रवाल ने स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता पर जोर देते हुए कहा कि महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के समान सक्षम हैं।
सत्र के मुख्य आकर्षण
कार्यशाला के पहले दिन समूह चर्चा, प्रेरक कहानियों और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग सत्र का आयोजन किया गया। महिलाओं को घरेलू हिंसा, लैंगिक असमानता, और उनके समाधान के लिए कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही, उन्हें रोजगार और उद्यमिता के नए अवसरों के बारे में जागरूक किया गया।
महिलाओं की सक्रिय भागीदारी
कार्यशाला में सूरजपुर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतिभागियों ने वक्ताओं से सवाल पूछे और अपने अनुभव साझा किए। इस दौरान महिलाओं ने आत्मविश्वास से भरे चेहरों के साथ समाज में बदलाव लाने की इच्छा प्रकट की।
आयोजकों की भूमिका
कार्यशाला का आयोजन गायत्री परिवार सूरजपुर के नेतृत्व में किया जा रहा है। कार्यक्रम की संयोजक मंजू शर्मा ने बताया कि इस कार्यशाला के माध्यम से महिलाओं को सामाजिक और आध्यात्मिक रूप से जागरूक करना है। उन्होंने कहा कि तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में कई सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें स्वावलंबन, रोजगार, शिक्षा, और समाज में महिलाओं की भूमिका पर विशेष चर्चा होगी।
आगे के सत्रों की झलक
आयोजकों के अनुसार, आगामी दिनों में महिलाओं के लिए योग, ध्यान और व्यक्तित्व विकास पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। अंतिम दिन प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाएंगे।
महिला सशक्तिकरण की ओर एक बड़ा कदम
गायत्री शक्तिपीठ सूरजपुर में आयोजित यह कार्यशाला न केवल महिलाओं को सशक्त बनाने का प्रयास है, बल्कि समाज में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी को भी सुनिश्चित करने का एक कदम है। इस आयोजन से यह संदेश स्पष्ट है कि महिलाओं की जागरूकता और सशक्तिकरण से ही समाज के विकास की आधारशिला रखी जा सकती है।
कार्यशाला के पहले दिन की सफलता ने यह साबित कर दिया कि महिलाओं में बदलाव और प्रगति की ओर बढ़ने की अपार संभावनाएं हैं।