सूरजपुर, आंचलिक न्यूज।
छत्तीसगढ़ के प्रतापपुर में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति के धान खरीदी केंद्र पर किसानों से हमाली, तौलाई, और छल्ली के नाम पर खुलेआम अवैध वसूली हो रही है। किसान अपनी मेहनत की फसल बेचने आते हैं, लेकिन उन्हें ₹12 से ₹20 प्रति बोरा के हिसाब से अवैध शुल्क चुकाने पर मजबूर किया जा रहा है। किसानों ने आरोप लगाया है कि इस गोरखधंधे के पीछे स्थानीय नेताओं और अधिकारियों का हाथ है।
भ्रष्टाचार के केंद्र में प्रबंधक बलदेव सिंह
समिति के प्रबंधक बलदेव सिंह पहले भी खाद वितरण और धान खरीदी में गड़बड़ी के कारण निलंबित हो चुके हैं। किसानों का कहना है कि उनकी बहाली नेताओं और अधिकारियों की सांठगांठ के बिना संभव नहीं थी। बलदेव सिंह अब फिर से किसानों का शोषण कर रहे हैं, जिससे किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
ऑनलाइन पर्ची के बावजूद किसानों का शोषण
ऑनलाइन पर्ची सिस्टम लागू होने के बावजूद किसानों को पर्ची काटने के नाम पर ₹500 से ₹2000 तक अवैध वसूली का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा, धान छल्ली लगाने के नाम पर अतिरिक्त धनराशि मांगी जा रही है। यह स्थिति प्रशासन की कार्यक्षमता पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
किसानों का गुस्सा: उग्र आंदोलन की चेतावनी
किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर इस मामले में जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे जिला मुख्यालय से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत करेंगे। उन्होंने उग्र आंदोलन की चेतावनी देते हुए कहा कि वे अन्याय के खिलाफ चुप नहीं बैठेंगे।
प्रशासन और सरकार की चुप्पी पर सवाल
छत्तीसगढ़ सरकार, जो खुद को किसानों की हितैषी बताती है, इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है। प्रतापपुर के किसानों का कहना है कि सरकार और प्रशासन दोनों इस मामले में उदासीन हैं। अब सवाल उठता है कि क्या किसानों को न्याय मिलेगा, या यह भ्रष्टाचार यूं ही जारी रहेगा।
प्रतापपुर का यह मामला राज्य के कृषि क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार और प्रशासनिक ढिलाई का कड़वा सच उजागर करता है। किसान अब न्याय और सुधार की उम्मीद में खड़े हैं।
सहकारी संस्था अधिकारी का बयान
इस विषय में सूरजपुर सहकारी संस्था अधिकारी नारायण लाल टंडन ने कहा कि, "मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच की जाएगी। किसानों से किसी भी प्रकार का पैसा लेना अपराध की श्रेणी में आता है। समिति प्रबंधक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए उसे तुरंत बर्खास्त किया जाएगा।"