ब्यूरो रिपोर्ट
बलरामपुर, आंचलिक न्यूज। वन्यजीव संरक्षण के तहत बलरामपुर जिले में वन विभाग ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए हाथी दांत और तेंदुआ-भालू की खाल की तस्करी में संलिप्त पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, और झारखंड की सीमाओं से सटे वाड्रफनगर और रामानुजगंज वन परिक्षेत्रों में की गई।
गोपनीय सूचना पर संयुक्त अभियान
27-28 दिसंबर को वन विभाग के राज्य स्तरीय उड़नदस्ता प्रभारी संदीप सिंह, वाइल्डलाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो (मध्य क्षेत्र) भोपाल, और बलरामपुर वनमंडल की टीम ने संयुक्त रूप से यह अभियान चलाया। गोपनीय सूचना के आधार पर वाड्रफनगर में तीन आरोपियों और रामानुजगंज में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तारी और बरामदगी
वाड्रफनगर वन परिक्षेत्र:
गिरफ्तार आरोपी: लक्ष्मण (पिता देवप्रसाद), मोहन (पिता प्रेमलाल), और दिलदार (पिता गुरुदेव)
बरामदगी:
दो हाथी दांत, तीन मोबाइल फोन, एक स्कूटी
रामानुजगंज वन परिक्षेत्र:
गिरफ्तार आरोपी: अनिल कुमार (पिता भगवानदास शर्मा) और रामबचन (पिता शिवराम)।
तेंदुआ की दो खाल, भालू की एक खाल, दो मोबाइल फोन, एक मोटरसाइकिल और एक स्कूटी
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई
सभी आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच की प्रक्रिया वन परिक्षेत्र अधिकारियों के नेतृत्व में जारी है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख वी. श्रीनिवास राव ने कहा, "वन्यजीव तस्करी पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। जनता से अपील है कि यदि वे तस्करी या संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी रखते हैं, तो तुरंत विभाग को सूचित करें।"
छत्तीसगढ़ के वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप ने तस्करी रोकने के लिए विभागीय प्रयासों की सराहना की और अधिकारियों को सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया।
इस कार्रवाई ने वन्यजीव तस्करों के खिलाफ विभाग की सख्त प्रतिबद्धता को दर्शाया है। हाथी दांत और खाल की बरामदगी से न केवल अपराधियों पर लगाम लगेगी, बल्कि वन्यजीव संरक्षण को भी मजबूती मिलेगी।