तमोर पिंगला अभ्यारण्य में दंतैल हाथी का कहर: 7 माह की मासूम की दर्दनाक मौत, ग्रामीणों में आक्रोश, वन विभाग की घोर लापरवाही: हाथियों की निगरानी में चूक, जिपं अध्यक्ष प्रतिनिधि ने विभागीय कर्मचारियों की लापरवाही पर लगाई जमकर फटकार.


तमोर पिंगला अभ्यारण्य में दंतैल हाथी का कहर: 7 माह की मासूम की दर्दनाक मौत, ग्रामीणों में आक्रोश, वन विभाग की घोर लापरवाही: हाथियों की निगरानी में चूक, जिपं अध्यक्ष प्रतिनिधि ने विभागीय कर्मचारियों की लापरवाही पर लगाई जमकर फटकार.

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ब्यूरो रिपोर्ट 

सूरजपुर, आंचलिक न्यूज। तमोर पिंगला अभ्यारण्य के ग्राम अरचोका में बीती रात एक दंतैल हाथी के हमले ने पूरे इलाके को दहला दिया। इस घटना में 7 माह की मासूम बच्ची की दर्दनाक मौत हो गई। घटना के समय विभागीय कर्मचारियों की अनुपस्थिति और क्षेत्र में हाथियों की निगरानी में घोर लापरवाही ने ग्रामीणों को गुस्से से भर दिया है।

घर पर हमला, मलबे में दबकर मासूम की मौत

मिली जानकारी के अनुसार, दंतैल हाथी ने रामकोला क्षेत्र में पहुंचकर खेलसाय राजवाड़े के घर पर हमला कर दिया। उस वक्त परिवार के लोग घर के भीतर सो रहे थे। हाथी ने घर को क्षतिग्रस्त कर दिया, जिससे गिरते मलबे की चपेट में आकर 7 माह की मासूम बच्ची की मौके पर ही मौत हो गई।

ग्रामीणों ने बताई विभागीय लापरवाही

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई दिनों से दंतैल हाथी सोनगरा क्षेत्र में उत्पात मचा रहा था। बावजूद इसके, वन विभाग ने इसे रोकने या गांव की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि तमोर पिंगला अभ्यारण्य के अधिकारी और कर्मचारी अम्बिकापुर से आना-जाना करते हैं और क्षेत्र में कभी-कभार ही नजर आते हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों की निगरानी केवल कागजों तक सिमट कर रह गई है। हाथियों की सही मॉनिटरिंग न होने और विभाग की निष्क्रियता ने ऐसी घटनाओं को "आम" बना दिया है।

घटनास्थल पर पहुंचे जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि

घटना की जानकारी मिलते ही जिला पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि शिवभजन मराबी मौके पर पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों को बुलाकर तत्काल पंचनामा तैयार करवाया और विभागीय कर्मचारियों की लापरवाही पर जमकर फटकार लगाई।

शिवभजन मराबी ने कहा, "यह घटना वन विभाग की घोर लापरवाही का परिणाम है। क्षेत्र में हाथियों के उत्पात को रोकने के लिए किसी प्रकार की ठोस योजना नहीं बनाई गई है। इससे ग्रामीणों का जीवन भगवान भरोसे चल रहा है।"

ग्रामीणों में डर और आक्रोश

इस घटना के बाद से गांव के लोगों में भय और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि तमोर पिंगला अभ्यारण्य में हाथियों की सुरक्षा और उनकी निगरानी के नाम पर सिर्फ कागजी काम हो रहा है। उन्होंने वन विभाग और प्रशासन से मांग की है कि क्षेत्र में हाथियों की सटीक मॉनिटरिंग की जाए और प्रभावित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए।

प्रभावित परिवार की हालत और मुआवजे की मांग

बच्ची की मौत से प्रभावित परिवार पूरी तरह टूट चुका है। ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन से तुरंत मुआवजे और मदद की मांग की है।

प्रशासन से उम्मीद और जिम्मेदारी की मांग

यह घटना वन विभाग और प्रशासन के लिए चेतावनी है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि हाथियों की सुरक्षा और निगरानी के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो ऐसी घटनाएं और बढ़ेंगी।

तमोर पिंगला अभ्यारण्य में लगातार हो रही ऐसी घटनाएं वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। यदि समय रहते विभाग ने जिम्मेदारी नहीं निभाई, तो ग्रामीणों का जीवन और अधिक संकटग्रस्त हो सकता है। प्रशासन को तत्काल कार्रवाई कर हाथियों के हमलों से ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।


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