मोनिका सिंह की धमाकेदार जीत: सूरजपुर की राजनीति में नए युग की शुरुआत? जनता की सेवा मेरी पहली प्राथमिकता - मोनिका सिंह


मोनिका सिंह की धमाकेदार जीत: सूरजपुर की राजनीति में नए युग की शुरुआत? जनता की सेवा मेरी पहली प्राथमिकता - मोनिका सिंह

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शशांक दुबे 
रामानुजनगर, आंचलिक न्यूज। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 15 की सीट पर जबरदस्त घमासान देखने को मिला। इस सीट पर राजनीतिक प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी, क्योंकि यहां मुकाबला तीन बड़े राजनीतिक घरानों के वारिसों के बीच था। लेकिन चुनावी जंग में मोनिका सिंह ने जबरदस्त जीत दर्ज कर सूरजपुर की सियासत में धमाकेदार एंट्री की। उनकी यह जीत सिर्फ एक राजनीतिक सफलता नहीं, बल्कि इस क्षेत्र की राजनीति में बड़े बदलाव का संकेत भी है।

मोनिका सिंह की ऐतिहासिक जीत 

मोनिका सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वर्तमान में भरतपुर-सोनहत से विधायक रेणुका सिंह की बेटी हैं। उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और अपने दोनों प्रतिद्वंद्वियों को बड़े अंतर से पराजित कर दिया। उनके सामने कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार सतवंत सिंह और भाजपा समर्थित प्रत्याशी वेद प्रकाश सिंह मैदान में थे।

सतवंत सिंह, कांग्रेस नेत्री शशि सिंह के भाई और पूर्व मंत्री स्व. तुलेश्वर सिंह के पुत्र हैं, जिनकी राजनीति में गहरी जड़ें थीं। वहीं, भाजपा समर्थित प्रत्याशी वेद प्रकाश सिंह, पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहन सिंह के नाती थे। इस चुनावी समर में राजनीतिक विरासत और जनता की नई सोच के बीच सीधा टकराव देखने को मिला।

रेणुका सिंह के प्रभाव की निर्णायक भूमिका 

मोनिका सिंह की इस जीत में उनकी मां रेणुका सिंह की भूमिका अहम रही। रेणुका सिंह का सूरजपुर जिले में वर्षों से गहरा राजनीतिक प्रभाव रहा है। सांसद और विधायक के रूप में उन्होंने भाजपा की जमीनी पकड़ मजबूत की थी। हालांकि वे भरतपुर-सोनहत से विधायक हैं, लेकिन उनका राजनीतिक असर सूरजपुर में पहले जैसा ही बना हुआ है।

इस पंचायत चुनाव में जनता ने पारंपरिक राजनीति से हटकर नए नेतृत्व को चुना और मोनिका सिंह को भारी मतों से जिताया। शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक, उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को लगभग 3,000 मतों के बड़े अंतर से हराया है।

सूरजपुर की राजनीति में नया समीकरण 

इस जीत ने यह स्पष्ट कर दिया कि जनता अब नए नेतृत्व और नई सोच को तरजीह देना चाहती है। मोनिका सिंह की जीत ने सूरजपुर की राजनीति में नया समीकरण तैयार कर दिया है, जिसकी गूंज आने वाले वर्षों तक सुनाई देगी।

क्या मोनिका सिंह भविष्य में और बड़ी राजनीतिक भूमिका निभाएंगी? क्या यह जीत सूरजपुर में पारंपरिक राजनीति के अंत की शुरुआत है? ये सवाल अब क्षेत्र की राजनीति में चर्चा का विषय बन गए हैं। लेकिन एक बात तय है – मोनिका सिंह अब एक मजबूत सियासी चेहरा बन चुकी हैं और आने वाले समय में उनकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो सकती है।

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