सूरजपुर- ब्यूरो रिपोर्ट
प्रतापपुर क्षेत्र में चुनावी घमासान अपने चरम पर है! सभी प्रत्याशी अपने पूरे दमखम के साथ मैदान में डटे हुए हैं। हर घर, हर गली, हर चौपाल में सिर्फ एक ही चर्चा—इस बार कौन मारेगा बाजी? मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रत्याशी हर संभव कोशिश कर रहे हैं।
प्रचार में झोंकी ताकत, जनता कर रही सवाल!
चुनाव प्रचार अब सिर्फ जनसंपर्क तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें डीजे सॉन्ग, सांस्कृतिक कार्यक्रम, बड़े-बड़े प्रचार वाहन और भव्य आयोजन शामिल हो चुके हैं। लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं, और जनता यह सवाल करने लगी है कि यह पैसा आखिर आ कहां से रहा है? और सबसे अहम बात—चुनाव जीतने के बाद इसकी भरपाई कैसे होगी?
बिना पार्टी सिंबल का चुनाव, पर क्या सच में?
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में किसी भी पार्टी का आधिकारिक सिंबल नहीं होता, लेकिन इसके बावजूद राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियां अपने-अपने प्रत्याशियों को अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देने में लगी हैं। हालांकि, गांव के लोग किसी पार्टी से ज्यादा प्रत्याशी की छवि, ईमानदारी और जनता के प्रति उसकी निष्ठा को तवज्जो देते हैं। यही वजह है कि यहां राजनीति दलों से ज्यादा व्यक्तिगत पकड़ और जनसमर्थन मायने रखता है।
पार्टी कार्यकर्ता दुविधा में, किसका करें समर्थन?
प्रतापपुर क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस, दोनों के 2 से 3 उम्मीदवार मैदान में हैं। इससे पार्टी कार्यकर्ता भी असमंजस में हैं कि वे किसका समर्थन करें? अगर किसी को सपोर्ट करते हैं, तो दूसरे गुट का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में कार्यकर्ता खुलकर किसी के पक्ष में आने से बच रहे हैं।
सोशल मीडिया पर कड़ी नजर, जनता तय कर रही असली प्रत्याशी
इस बार का चुनाव सोशल मीडिया की सीधी नजर में है। हर प्रत्याशी के बयान, हर वादा, हर गतिविधि पर जनता नजर गड़ाए बैठी है। मतदाता अब पहले की तुलना में ज्यादा जागरूक हैं। वे जानते हैं कि बड़े-बड़े वादे करने वाले कई नेता चुनाव के बाद गायब हो जाते हैं। इसलिए, इस बार जनता सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि वास्तविक कार्यों के आधार पर फैसला करने के मूड में है।
जनता बोलेगी, कौन रहेगा और कौन जाएगा!
अब देखने वाली बात यह होगी कि जनता किसे अपना समर्थन देती है। इस चुनावी समर में विचारधारा से ज्यादा प्रत्याशी की छवि, उसके पिछले काम और जनता से सीधा जुड़ाव निर्णायक साबित होने वाला है।
23 फरवरी को मतदान होगा और जनता अपने मत से यह तय करेगी कि कौन सही मायनों में उनके गांव का असली प्रतिनिधि बनने लायक है।