अंधे कत्ल का खुलासा: पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार, शक, साजिश और हत्या: प्रेम संबंध का दर्दनाक अंत..


अंधे कत्ल का खुलासा: पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार, शक, साजिश और हत्या: प्रेम संबंध का दर्दनाक अंत..

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अविनाश कुशवाहा 

प्रतापपुर/भटगांव , आंचलिक न्यूज। प्रतापपुर थाना क्षेत्र में अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाते हुए पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या के बाद महिला की लाश पोखरी में फेंकी गई थी, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई थी। पुलिस की सटीक जांच और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर इस जघन्य हत्या का खुलासा हुआ।

गुमशुदगी से लेकर हत्या तक: ऐसे सुलझा पुलिस ने मामला 

दिनांक 28 मार्च 2025 को कपसारा के पोखरी में एक अज्ञात महिला का शव मिला था, जो कपड़े से बंधा हुआ था। इस घटना की सूचना मिलते ही भटगांव पुलिस मौके पर पहुंची, शव का पंचनामा किया और जिले के सभी थानों को मृतका की पहचान के लिए जानकारी भेजी।

डीआईजी और एसएसपी सूरजपुर प्रशांत कुमार ठाकुर ने तुरंत मामले की जांच तेज करने के निर्देश दिए।

जांच के दौरान, पुलिस को जानकारी मिली कि प्रतापपुर थाना में 25 मार्च 2025 को संतोषी कश्यप (उम्र 25 वर्ष) निवासी सरगीगुड़ा, थाना देवभोग (जिला गरियाबंद) की गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। संतोषी अपने चचेरे भाई प्रमेन्द्र चौधरी के साथ ग्राम खोरमा, प्रतापपुर में किराए के मकान में रहती थी।

हत्या की पुष्टि और आरोपियों की गिरफ्तारी 

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टरों ने महिला की हत्या किए जाने की पुष्टि की, जिसके बाद पुलिस ने भादवि की धारा 103, 238 और 3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया।

थाना भटगांव पुलिस ने जब जांच आगे बढ़ाई, तो पाया कि संतोषी कश्यप का विवाह वर्ष 2022 में राजेश चौधरी (ग्राम केवरा) से हुआ था, लेकिन बाद में वह अपने चचेरे भाई प्रमेन्द्र चौधरी के साथ किराए के मकान में रहने लगी थी।

हत्या का कारण और आरोपियों की साजिश

प्रमेन्द्र चौधरी को जब पुलिस ने हिरासत में लिया और पूछताछ की, तो उसने संतोषी के चरित्र पर शक होने की वजह से उसे मारने की बात कबूल कर ली।

हत्या की रात (22 मार्च 2025):

प्रमेन्द्र ने रात में संतोषी का गला कपड़े से दबाकर हत्या कर दी। फिर अपने भाई राजू चौधरी को फोन कर झूठ बोला कि संतोषी बच्चे को छोड़कर कहीं चली गई है। राजू चौधरी अपनी मां कलेश्वरी चौधरी के साथ मोटरसाइकिल से वहां पहुंचा। जब उन्होंने देखा कि संतोषी पहले ही मारी जा चुकी है, तो प्रमेन्द्र ने पूरी घटना उन्हें बताई।

तीनों (प्रमेन्द्र, राजू और कलेश्वरी) ने मिलकर शव को कंबल में लपेटा और मोटरसाइकिल से ग्राम केवरा पहुंचे। वहां कलेश्वरी को बच्चे के साथ उतारकर, दोनों भाइयों ने लाश को कपसरा स्थित बंद महान-01 कोयला खदान के पोखरी में फेंक दिया। इसके बाद आस-पड़ोस के लोगों को झूठी जानकारी दी कि संतोषी कहीं चली गई है।

पुलिस कार्रवाई और बरामदगी

पुलिस ने आरोपियों के बयान और निशानदेही के आधार पर दो मोटरसाइकिल, मोबाइल फोन बरामद किए।

गिरफ्तार आरोपियों के नाम –
प्रमेन्द्र चौधरी (पिता लालसाय चौधरी, उम्र 22 वर्ष)
राजू चौधरी (पिता लाललाल, उम्र 28 वर्ष)
कलेश्वरी चौधरी (पति लालसाय, उम्र 43 वर्ष)

पड़ोसियों की सूचना के बावजूद नहीं हुई थी कार्रवाई

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि पड़ोसियों ने पहले ही पुलिस को बताया था कि महिला रात से गायब थी, बच्चे के रोने की आवाज आ रही थी, और घर में चप्पल पड़ी हुई थी। उन्होंने यह भी बताया था कि पति-पत्नी के बीच अक्सर झगड़े होते थे।

इसके बावजूद प्रतापपुर पुलिस ने पहले कोई गंभीर कार्रवाई नहीं की। कुछ दिनों बाद जब पोखरी में लाश मिली, तब जाकर मामला तूल पकड़ा और जांच शुरू हुई।

हत्या का निर्मम तरीका और प्रशासन पर सवाल

हत्या के बाद लाश को जिस निर्ममता से कपड़े से बांधकर फेंका गया, वह दर्शाता है कि यह सोची-समझी साजिश थी।

ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने शुरुआत में लापरवाही बरती, वरना शायद हत्या की साजिश पहले ही उजागर हो सकती थी।

पुलिस की तत्परता से आरोपी गिरफ्तार

इस पूरी जांच और गिरफ्तारी में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष महतो, डीएसपी रितेश चौधरी, थाना प्रभारी भटगांव सरफराज फिरदौसी, थाना प्रभारी प्रतापपुर लक्ष्मण सिंह धुर्वे और उनकी टीम ने अहम भूमिका निभाई।

न्याय की उम्मीद: आगे क्या?

हत्या के पीछे का कारण चरित्र पर शक और आपसी रिश्तों में दरार था। अब सवाल यह उठता है कि क्या यह केवल प्रमेन्द्र की सोची-समझी साजिश थी, या फिर और भी लोग इसमें शामिल थे? फिलहाल, पुलिस की कार्रवाई जारी है, और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही न्याय मिलेगा।


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