अविनाश कुशवाहा
प्रतापपुर, आंचलिक न्यूज। आदिवासी बहुल ग्राम पंचायत खजूरी में पानी की समस्या से जूझ रहे सैकड़ों ग्रामीणों के लिए अखबार में प्रकाशित खबर एक वरदान साबित हुई। डेढ़ साल से खराब पड़े सौर ऊर्जा पंप और जल टंकी को आखिरकार सुधार दिया गया और अब क्षेत्र में पानी की आपूर्ति सुचारू कर दी गई है।
अखबार की ताकत ने प्रशासन को जगाया!
गौरतलब है कि यह मामला लंबे समय से लंबित था। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों की शिकायतों के बावजूद प्रशासन आंख मूंदे बैठा था। लेकिन जब इस गंभीर मुद्दे को प्रमुख समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया, तो मामला शासन-प्रशासन के संज्ञान में आया।
इस खबर के प्रकाशित होने के बाद जिला कलेक्टर ने क्रेडा विभाग को फटकार लगाई और प्रतापपुर जनपद पंचायत सीईओ राधेश्याम मीरझा ने तत्काल क्रेडा विभाग को निर्देश देकर सौर पंप को सुधारने का आदेश दिया। इसके बाद पांच घंटे की मशक्कत के बाद बंद पड़े सौर पंप और मशीनों की मरम्मत कर दी गई, जिससे पानी की आपूर्ति बहाल हो गई।
ग्रामीणों के चेहरों पर लौटी मुस्कान
आज जब पानी की आपूर्ति बहाल हुई, तो ग्रामीणों की खुशी देखने लायक थी। सुबह से ही लोग पानी भरते और नहाते नजर आए। तपती गर्मी में पानी के लिए तरस रहे आदिवासी परिवारों को जब वर्षों बाद राहत मिली, तो उन्होंने पत्रकारों और समाचार पत्र का आभार व्यक्त किया।
जनपद सीईओ ने किया स्थलीय निरीक्षण
समाचार प्रकाशन के बाद मौके पर पहुंचे जनपद सीईओ राधेश्याम मीरझा ने ग्रामीणों को संतुष्ट किया और क्रेडा विभाग को सख्त हिदायत दी कि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोबारा न हो।
ग्रामीणों की बात, प्रशासन की मजबूरी
ग्रामीणों का कहना था कि उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी, लेकिन अखबार में खबर छपते ही प्रशासन जाग गया। यह घटना इस बात का सबूत है कि मीडिया की ताकत से जनता की आवाज को बुलंद किया जा सकता है।
अब जब पानी की समस्या हल हो गई है, तो लोग राहत की सांस ले रहे हैं। लेकिन सवाल यह भी उठता है कि अगर अखबार में खबर न छपती, तो क्या प्रशासन कभी जागता?