ग्रामीणों की मजबूरी: शवों के लिए 30 किलोमीटर का सफर, प्रशासन पर उठे सवाल, बसदेई क्षेत्र में पोस्टमार्टम सुविधा का अभाव: सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन..


ग्रामीणों की मजबूरी: शवों के लिए 30 किलोमीटर का सफर, प्रशासन पर उठे सवाल, बसदेई क्षेत्र में पोस्टमार्टम सुविधा का अभाव: सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन..

0

 

चंद्रिका कुशवाहा 
आंचलिक न्यूज.com। बसदेई चौकी क्षेत्र के 25-30 गांवों के निवासी पोस्टमार्टम सुविधा के अभाव में परेशान हैं। किसी परिजन की मृत्यु के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए 30 किलोमीटर दूर सूरजपुर जिला अस्पताल ले जाना उनकी मजबूरी बन गई है। यह लंबा सफर न केवल शारीरिक और मानसिक पीड़ा बढ़ाता है, बल्कि आर्थिक बोझ भी डालता है।

ग्रामीणों का कहना है कि सूरजपुर पहुंचने के बाद पोस्टमार्टम में देरी के कारण शव को मुर्दाघर में एक-दो दिनों तक रखना पड़ता है। गर्मी, बारिश, और परिवहन की कमी जैसी समस्याएं उनके दुख को और गहरा देती हैं।

सामाजिक कार्यकर्ताओं का नेतृत्व और ज्ञापन सौंपा 

ग्रामीणों की इस गंभीर समस्या को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता संदीप कुशवाहा के नेतृत्व में क्षेत्र के लोगों ने जिला प्रशासन से अपनी मांग रखी। जिला कलेक्टर की अनुपस्थिति में, संयुक्त कलेक्टर बजरंग वर्मा को ज्ञापन सौंपा गया। इसमें बसदेई क्षेत्र में पोस्टमार्टम सुविधा जल्द उपलब्ध कराने की मांग की गई।

संयुक्त कलेक्टर का आश्वासन और आगे की कार्रवाई

संयुक्त कलेक्टर ने ज्ञापन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए इस मामले को जिला मेडिकल बोर्ड को भेजने और जल्द से जल्द समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया।

ग्रामीणों का आक्रोश और समाधान की उम्मीद

इस मौके पर क्षेत्र के कई युवा और सामाजिक कार्यकर्ता जैसे जय सिंह, बबलू, कमलेश पैकरा, विनोद पैकरा, राजेश विश्वकर्मा, अनिल, विजेंद्र, प्रकाश और रमेश उपस्थित रहे। उन्होंने प्रशासन से बसदेई क्षेत्र में पोस्टमार्टम की सुविधा शुरू करने की मांग की।

ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की उदासीनता उनके जीवन को कठिन बना रही है। उन्हें उम्मीद है कि उनकी आवाज सुनी जाएगी और जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान निकलेगा। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो वे बड़े स्तर पर विरोध-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
यह मुद्दा न केवल स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को उजागर करता है, बल्कि प्रशासन की प्राथमिकताओं पर भी सवाल खड़े करता है। अब देखना होगा कि जिला प्रशासन इस समस्या के समाधान के लिए कितनी जल्दी कदम उठाता है।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)