ब्यूरो खास रिपोर्ट
सूरजपुर, आंचलिक न्यूज। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सरगर्मी चरम पर पहुंच चुकी है। आज नाम वापसी की अंतिम तिथि है, जिसके बाद चुनावी मैदान में बचे प्रत्याशियों की असली परीक्षा शुरू होगी। कल से प्रचार अभियान और भी जोर पकड़ लेगा, जिसमें सभी प्रत्याशी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत झोंक देंगे। इस चुनावी मुकाबले में भाजपा और कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी तो हैं ही, लेकिन कई निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं, जो बड़े दलों के समीकरण बिगाड़ सकते हैं।
प्रचार में लगेगा जोर, बाजारों और गलियों में तेज होगी हलचल
चुनावी माहौल अब पूरी तरह गरमा चुका है। जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे प्रत्याशी अपनी रणनीतियों को धार दे रहे हैं। गांवों, कस्बों और शहरों में चुनावी चर्चाएं आम हो गई हैं। बाजारों, चौपालों और गली-मोहल्लों में राजनीतिक बहसें तेज हो चुकी हैं। प्रत्याशी अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए डोर-टू-डोर कैंपेन, नुक्कड़ सभाओं और रैलियों का सहारा ले रहे हैं।
आरोप-प्रत्यारोप का दौर होगा तेज, विरोधियों पर साधेंगे निशाना
अब चुनावी प्रचार में आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी देखने को मिलेगा। प्रत्याशी एक-दूसरे पर निशाना साधते हुए उनके कार्यकाल, उपलब्धियों और नाकामियों को उजागर करेंगे। सोशल मीडिया से लेकर जनसभाओं तक, हर मंच पर विरोधियों की कमियों को उजागर करने की होड़ मची रहेगी।
निर्दलीय प्रत्याशी बदल सकते हैं समीकरण
इस बार कई निर्दलीय प्रत्याशी भी मजबूती से चुनावी मैदान में डटे हुए हैं। इनमें से कुछ नेता पूर्व में किसी पार्टी से जुड़े रहे हैं, तो कुछ स्थानीय प्रभावशाली चेहरे हैं, जो जनता के बीच अच्छी पकड़ रखते हैं। इनके चुनाव लड़ने से मुख्य दलों के प्रत्याशियों को कड़ी चुनौती मिल रही है। कई जगहों पर निर्दलीय उम्मीदवार भाजपा और कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगा सकते हैं, जिससे चुनावी नतीजे अप्रत्याशित हो सकते हैं।
विवादित छवि वाले प्रत्याशी भी मैदान में
इस चुनाव में कई ऐसे प्रत्याशी भी ताल ठोक रहे हैं, जिनका नाम विवादों में रह चुका है। कुछ पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, तो कुछ पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। इनके चुनाव लड़ने से मतदाताओं में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोग इन्हें जनता का सच्चा सेवक बता रहे हैं, तो कुछ ऐसे लोगों को चुनाव में नकारने की अपील कर रहे हैं।विस्तृत खबर कल के अंक में प्रकाशित की जाएगी।
जनता तय करेगी जीत-हार का फैसला
जैसे-जैसे मतदान की तारीख करीब आएगी, चुनावी माहौल और गर्म होता जाएगा। सभी प्रत्याशी मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। हालांकि, अंततः फैसला जनता के हाथ में है कि वह किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है। अब देखना दिलचस्प होगा कि जनता विकास और सुशासन के मुद्दे पर मतदान करती है या चुनावी समीकरणों और जातीय गणित का प्रभाव नतीजों पर हावी होता है।