भ्रष्टाचार पर तगड़ा तमाचा: तहसीलदार के खिलाफ जनता का हल्ला बोल, रिश्वतखोरी के खिलाफ बगावत: तहसीलदार को हटाने की मांग हुई तेज..


भ्रष्टाचार पर तगड़ा तमाचा: तहसीलदार के खिलाफ जनता का हल्ला बोल, रिश्वतखोरी के खिलाफ बगावत: तहसीलदार को हटाने की मांग हुई तेज..

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ब्यूरो रिपोर्ट

सूरजपुर, आंचलिक न्यूज। प्रतापपुर तहसील कार्यालय में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों को लेकर तहसीलदार सालिक राम गुप्ता के खिलाफ ग्रामीणों और चरवा समाज ने मोर्चा खोल दिया है। ग्रामीणों ने तहसीलदार को तत्काल पद से हटाने और निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।

एसीबी की कार्यवाही के बावजूद तहसीलदार पर कोई कार्रवाई नहीं

हाल ही में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने प्रतापपुर तहसील कार्यालय में छापा मारा था, जिसमें तहसील के एक बाबू और पटवारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। प्राथी और बाबू के बयान के बावजूद तहसीलदार सालिक राम गुप्ता पर कोई कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। आज सैकड़ों ग्रामीणों ने एसडीएम को कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि दो दिनों के भीतर तहसीलदार को नहीं हटाया गया तो वे तहसील कार्यालय का घेराव करेंगे।

भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप: रिश्वतखोरी से परेशान जनता

ग्रामीणों का आरोप है कि तहसीलदार सालिक राम गुप्ता जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, सीमांकन आदेश और मुआवजा प्रकरणों में रिश्वत लिए बिना कोई काम नहीं करते। हाल ही में प्रार्थी राजेंद्र बघेल से हाथी क्षतिपूर्ति के लिए तहसीलदार के बाबू ब्रिगमैन के माध्यम से ₹10,000 रिश्वत मांगी गई थी, जिसे एसीबी ने रंगे हाथ पकड़ लिया। इसके बावजूद तहसीलदार पर कार्रवाई न होने से जनता में नाराजगी बढ़ती जा रही है।

सीसीएल क्षेत्र कनक नगर और मदन नगर के दस्तावेजों के मुआवजा प्रकरणों में भी बिना रिश्वत लिए कोई कार्य नहीं किया जाता। जो नागरिक रिश्वत नहीं देते, उनकी फाइलों को लंबित रख दिया जाता है। यह स्थिति लंबे समय से बनी हुई है, जिससे क्षेत्र के नागरिकों में भारी रोष व्याप्त है।

पुराने विवाद और भ्रष्टाचार के आरोप

ग्रामीणों ने बताया कि सालिक राम गुप्ता इससे पहले ओड़गी ब्लॉक में पदस्थ थे, जहां भी उन पर अवैध वसूली के आरोप लगे थे। जनता की शिकायतों के बाद मंत्री के हस्तक्षेप से उन्हें वहां से हटाया गया था। लेकिन अब प्रतापपुर में भी वही भ्रष्टाचार दोहराया जा रहा है।

लोगों ने सवाल उठाया कि आखिर किसके संरक्षण में तहसीलदार खुलेआम रिश्वतखोरी कर रहे हैं? प्रशासन की निष्क्रियता और राजनीतिक संरक्षण के चलते ऐसे अधिकारियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं।

विधायक की नाराजगी: प्रशासन पर सवाल

स्थानीय विधायक ने कहा कि तहसीलदार को हटाने के लिए सूरजपुर कलेक्टर को लिखित में दिया गया है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि भ्रष्टाचारियों को संरक्षण मिल रहा है और जनता की शिकायतों को नजरअंदाज किया जा रहा है।

प्रतापपुर में इतना बड़ा मामला सामने आने के बावजूद, केवल दो अधिकारियों पर कार्रवाई हुई, जबकि तहसीलदार के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आगे नतमस्तक है।

ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख लोग शामिल

इस विरोध प्रदर्शन में शिवचरण बघेल (जिला अध्यक्ष, सूरजपुर), रुद्र प्रसाद बंछोर (ब्लॉक अध्यक्ष, प्रतापपुर), इंद्रपाल खमरिया, रामचंद्र माझी, जीतन सोनहा (सचिव), भुनेश्वर सोनहा, राम प्यारे नागवंशी, राजेंद्र बघेल, बालगोविंद सोनहा, गिरिधर कुमार सूर्यवंशी, जवाहिर सहित बड़ी संख्या में चरवा समाज और ग्रामीण उपस्थित रहे।

ग्रामीणों की मांग स्पष्ट है—भ्रष्टाचार में लिप्त तहसीलदार के खिलाफ तत्काल कार्रवाई हो और प्रशासन जनता के आक्रोश को गंभीरता से ले। यदि प्रशासन ने उचित कदम नहीं उठाए, तो आगे और बड़े आंदोलन की चेतावनी दी गई है।


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